पिछले कुछ दिनों से चल रही पलायन कर गए लोगों की जमीनें सरकार द्वारा वापस लेकर भूमिहीनों को देने की खबर को सरकार ने अफवाह करार दिया है। यही नहीं शासन में प्रभारी सचिव राजस्व हरबंश सिंह चुघ ने अपील जारी कर कहा है कि इस तरह का कोई भी निर्णय सरकार द्वारा नहीं लिया गया है।
पिछले कई दिनों से यह खबर सोशल साइट फेसबुक एवं व्हाट्स पर तैर रही थी। सोशल मीडिया में लिखा है कि,-”सोशल साइट में उत्तराखंड राज्य द्वाराा ऐसा सर्कुलर जारी कर दिया गया ह कि जिस भी ग्रामसभावासियों ने अपनी कृषि भूमि दस साल से ज्यादा बंजर छोड़े हो गए हों, वह जमीन भूमिहीनें को देने की कवायद श्ुरू हो गई है। चाहे वे सिंचाई की जमीन हो या फिर कोई अन्य। सरकार का मानना हैकि बंजर भूमि की आवश्यकता अब लोगों को नहीं है, इसलिए यह जमीन उन बेघर दृष्टिहीनों को दे दी जाए, जिनके पास जमीन नहीं है।” आज प्रभारी सचिव राजस्व ने इसका खंडन करते हुए बताया कि यह किसी असामाजिक तत्व की शरारत मात्र है। श्री चुघ ने इस पर ध्यान न देने की अपील की है। श्री चुघ ने कहा कि ऐसी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा न तो ऐसा कोई निर्णय लिया गया है और न ही कोई विचाराधीन है।