कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने श्रीनगर में एन.आई.टी.के स्थाई निर्माण के मामले में केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाई है। खण्डपीठ ने नए छात्रों के प्रवेशों के बारे पूछते हुए 24 अप्रैल तक पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में से चार स्थानों को चयनित कर न्यायालय को सूचित करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति एन.एस.धनिक की खण्डपीठ ने आज श्रीनगर से एन.आई.टी.को राजस्थान के जयपुर में शिफ्ट करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका के बाद केंद्र और राज्य सरकार को निर्देशित किया।
न्यायालय ने राज्य सरकार से उत्तराखंड में एन.आई.टी.के स्थाई निर्माण के लिए मैदान और पहाड़ में चार स्थान चिन्हित करने को कहा है। न्यायालय ने केंद्र सरकार से भी पिछले दस वर्षों में एन.आई.टी.के स्थायी निर्माण के लिए किए गए कार्यों के बारे में पूछा है। न्यायालय ने 24 अप्रैल को केंद्र और राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। एन.आई.टी.के पूर्व छात्र जसवीर सिंह द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी जिसमे खण्डपीठ ने नए एडमिशन वाले छात्रों को राजस्थान अथवा श्रीनगर भेजने के बावत भी सवाल किया गया है।