नीरज उत्तराखंडी
पुरोला। बर्फियां लाल जुवांठा राजकीय महाविद्यालय पुरोला में 700 सौ छात्र छात्राओं का भविष्य अधर में है। कई बर्षों से अध्यापकों एवम प्रयोगशाला सहायकों के बिना चल रहा है विज्ञान संकाय।
पुरोला क्षेत्र में स्थित यमुना घाटी का एकमात्र विज्ञान संकाय, जिसकी स्थापना तत्कालीन पर्वतीय विकास मंत्री स्वर्गीय बर्फियां लाल जुवांठा ने रखी थी । 1995-96 से संचालित यह महाविद्यालय 2011 में कला संकाय के साथ विस्तार तो किया गया लेकिन हालात कुछ यूं है कि आज महा विद्यालय में जन्तु विज्ञान 2017 से,वनस्पति विज्ञान 2013 से,रसायन विज्ञान 2015 से एवम गणित2013 से अध्यापक विहीन चल रहा है विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण बिषयों के अध्यापकों के पद विज्ञान संकाय में रिक्त पड़े हैं वहीं भौतिक विज्ञान एवम रसायन विज्ञान में प्रयोगशाला सहायकों की कमी है।यही नही कला संकाय में 2011 से स्थायी प्रवक्ताओं की नियुक्ति नही की गई जब से विज्ञान संकाय के साथ कला संकाय की स्थापना की गई ,तत्कालीन मुख्यमंत्री बी0 सी0 खंडूड़ी द्वारा क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों एवम छात्रों के पढ़ने के लिए देहरादून जाने की मजबूरी को देखते हुए जन प्रतिनिधियों एवं जनता के माँग पर 7 बिषयों में कला संकाय खोल दिया गया था लेकिन आज महज हिंदी बिषय के प्रवक्ता ही हैं बाकी 6 बिषय केवल अतिथि शिक्षकों के सहारे चल रहा है उनकी भी अभी तक नए सत्र की नियुक्ति भी नही की गई।
महाविद्यालय के कनिष्ट लिपिक एवं प्रभारी प्राचार्य के0 एन0 भट्ट का कहना है कि विद्यालय प्रशासन द्वारा समय समय पर सरकार को अवगत करवाया जा रहा है छात्र नेता राकेश नेगी ने कहा कि हमारे द्वारा उच्च शिक्षामंत्री धन सिंह रावत को भी अध्यापको की कमी पूरी करने के लिए उनके पुरोला क्षेत्र भ्रमण के दौरान संज्ञान में डाला गया था।