गिरीश गैरोला
नौगांव में अपहरण की घटना के बाद उपजे तनाव को कम करने के लिए खुद पुलिस अधीक्षक ददनपाल मौके पर स्थानीय व्यापार मंडल के साथ बैठक कर रहे हैं। होली के दिन नौगांव क्षेत्र में 9 वर्ष की अबोध बच्ची को बलात्कार के उद्देश्य से अपहरण कर कमरे में बंद करने की घटना के खुलासे के बाद स्थानीय व्यापारियों में ठेली -फड़ी और फेरी व्यवसाय के साथ कबाड़ का व्यवसाय करने वाले अस्थाई व्यापारियों के पुलिस द्वारा सत्यापन न करने को लेकर जमकर आक्रोश निकला।
इसके बाद बड़कोट , पुरोला और मोरी के थानों की पुलिस फोर्स के साथ पीएसी को मौके पर तैनात करना पड़ा। नौंगाव व्यापार मंडल के साथ घटनास्थल के करीब 10 किलोमीटर दूर बड़कोट बाजार व्यापार मंडल के साथ पुलिस कप्तान ने बैठक कर ताजा हालात पर चर्चा की।
बड़कोट व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजाराम जगूड़ी और नौगांव बाजार के व्यापार मंडल अध्यक्ष जगदीश असवाल ने बताया कि बाहर से आने वाले ठेली फड़ी और फेरी लगाने वाले अस्थाई व्यापारियों का पुलिस सत्यापन नही किया जाता है। जिसके चलते ये लोग व्यापार की आड़ में कई संगीन अपराधों को करने के बाद फरार हो जाते हैं और पुलिस हाथ मलते रह जाती है। लिहाजा समय-समय पर पुलिस द्वारा इन बाहर से आने वाले व्यापारियों का सत्यापन कराया जाना चाहिए।
गौरतलब है किरायेदारी का सत्यापन फॉर्म अपनी दो पासपोर्ट साइज की फोटो लगाकर संबंधित थाने में जमा करना होता है। थाने की पुलिस संबंधित जिले से उस व्यक्ति का सत्यापन कर थाने को भेजती है, जिसकी एक प्रति संबंधित व्यक्ति को दे दी जाती है।
इस संबंध में पुलिस की एप और कड़े प्रावधानों के बावजूद कई ठेली और पड़ी के व्यवसाय में जुड़े लोग बिना पुलिस सत्यापन के बेधड़क सीमांत जिले में काम कर रहे हैं। इसके लिए समय-समय पर व्यापारियों एवं राजनीतिक दलों द्वारा मांग की जाती रही है, किंतु अपराध घटित होने के कुछ समय तक पुलिस की सक्रियता दिखाई देती है और फिर वही ढाक के तीन पात।
यदि पुलिस शक्ति से कानून के पालन कराना सुनिश्चित करे तो बाहर से आने वाले व्यापारी खुद ब खुद सत्यापन के लिए थानों में चक्कर लगाते देखेंगे।