जगदम्बा कोठारी
रूद्रप्रयाग
प्रदेश मे बहुचर्चित, जखोली विकासखंड के बारहसिंगा हत्याकांड की जांच मे लगी वन विभाग की टीम और ग्रामीणों के बीच अब टकराव की स्थिति बन गयी है। बुधवार रात्रि 11 बजे जांच टीम बजीरा निवासी एक संदिग्ध को पूछताछ के लिए वन विभाग कार्यालय ला रही थी तो स्थानीय ग्रामीणों ने रास्ते में ही जाँच टीम को रोककर संदिग्ध को टीम से छुडा लिया और टीम को गांव से भागने पर मजबूर कर दिया।
अगले दिन सुबह विभाग को सूचना मिली कि चिरबटिया मयाली मोटर मार्ग पर ममणी पुल के नीचे बाराहसिंगा के अवशेष पड़े हैं। वन विभाग की टीम तुरंत घटना स्थल पर पहुँची तो पाया कि मुख्य मोटर मार्ग से लगभग 400 मीटर नीचे हिलांऊ गाड पर किसी मृत जानवर का मल (गोबर) व कुछ अवशेष पड़े हैं। पत्थरों पर जगह जगह खून के निशान थे, जिसे देखकर समझा जा सकता था कि संभवतः इसी स्थान पर वन्य जीव की हत्या के बाद काटकर बाँट लगायी थी लेकिन पुष्टि के लिए विभाग ने अवशेषों को संरक्षित कर जाँच के लिए फारेंसिक लैब भेज दिया।
वन विभाग के हथ लगे इन अहम सबूतों से उत्साहित टीम ने तुरन्त पुलिस चौकी जखोली मे बजीरा गाँव के चार नामजद व्यक्तियों सहित दर्जन भर ग्रामीणों के खिलाफ सरकारी कार्य मे बाधा डालने व विभागीय कर्मचारियों से गाली गलौच करने की लिखित शिकायत दर्ज कराई।
वहीं बजीरा निवासी चारों नामजद व्यक्तियों ने भी वन विभाग कर्मियों पर आरोप लगाया कि विभागीय कर्मचारी शराब के नशे मे धुत होकर देर रात 11 बजे गाँव मे घुसकर जबरन निर्दोष व्यक्ति को उठा कर ले जा रहे थे व साथ ही विभाग के कर्मचारियों ने ग्रामीणों से बदसलूकी की। ग्रामीणों ने भी इसकी लिखित शिकायत पुलिस चौकी जखोली मे दर्ज कराई।
वहीं इस मामले मे डी.एफ.ओ. मयंक झा का कहना है कि हिलांऊ गाड के समीप जाँच टीम को किसी जीव के अवशेष मिले हैं, जांच के बाद ही पता चलेगा कि यह किस जीव के हैं। बजीरा के ग्रामीणों ने विभागीय कर्मचारियों के साथ बदसलूकी की व संदिग्ध को हिरासत से छुडिया, और अगली सुबह उसी व्यक्ति को कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन वह अभी तक नहीं आया है, आरोपों की पुष्टि होने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।