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सहायक व समन्वयक में छिड़ा संग्राम

August 5, 2016
in पर्वतजन
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शिक्षा विभाग के नौगांव ब्लॉक समन्वयक जनक सिंह राणा पर आरोप है कि वे पिछले १५-१६ वर्षों से एक ही जगह पर जमे हुए हैं और राजनीतिक रसूख के चलते पिछले दस वर्षों में अकूत संपत्ति जोड़ चुके हैं।

मामचन्द शाहambika sundariyal

नौगांव बाजार उत्तरकाशी निवासी अंबिका सुंदरियाल ने जनपद के विकासखंड नौगांव में ब्लॉक समन्वयक के पद पर कार्यरत जनक सिंह राणा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अंबिका सुंदरियाल के पति उप शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रधान सहायक के पद पर कार्यरत हैं। वह अपने पति की शिकायत उच्चाधिकारियों से किए जाने पर राणा से खफा हैं।
अंबिका ने मुख्य सचिव व महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड से शिकायत की है कि राणा ने वर्ष २००६-०७ व २००७-०८ में बीआरसी के खाते से धन आहरित कर अपना आलीशान घर बनवाया। तब उनके विरुद्ध शिकायत दर्ज होने पर उन्होंने १ लाख 50 हजार रुपए वापस खाते में जमा कर दिए थे।
अंबिका बताती हैं कि ब्लॉक समन्वयक जनक सिंह राणा पिछले दस वर्षों के भीतर अब तक तीन गाडिय़ां बदल चुके हैं। देहरादून में एक बंगला है, जबकि एक वर्ष में एक लाख रुपए की जीवन बीमा की किश्त भरते हैं। यही नहीं दिल्ली-यमुनोत्री मार्ग पर राणा एक होटल का संचालन भी करते हैं। आरोप है कि ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड का एक लाख ८० हजार रुपए स्कूलों को नहीं दिया गया। बैंक खाते में भी वित्तीय अनियमितताओं का अंतर दिखाई दिया। इसी क्रम में तत्कालीन सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी डीएस पांडे ने तब नौगांव बीआरसी के खिलाफ सरकारी धन के दुरुपयोग मामले की जांच में बड़ी पैमाने पर गड़बडिय़ों की बात स्वीकार की थी।
उधर दूसरी ओर खंड शिक्षा अधिकारी नौगांव उत्तरकाशी के १४ अगस्त २०१५ के माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय उत्तराखंड को भेजे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि सूर्य प्रकाश सुंदरियाल द्वारा कई अनियमितताएं की जा रही हैं, जिसमें अध्यापकों के प्रति अच्छा व्यवहार न होना, उच्चाधिकारियों से अपशब्द व गाली-गलौच करना, अध्यापकों, सेवानिवृत्त कर्मियों के प्रकरणों का समय पर निस्तारण न करना, अध्यापकों से कार्य करने के बाद पैसे लेने जैसी कई अनियियमितताओं का सुंदरियाल पर आरोप हैं। इन शिकायतों पर निदेशालय ने २२ अगस्त २०१५ को मुख्य शिक्षा अधिकारी उत्तरकाशी को जांच के आदेश दिए गए। इस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी ने मामले की जांच कर ९ सितंबर २०१५ को श्री सुंदरियाल को अन्यत्र हटाने की संस्तुति की। इस प्रकार १६ अक्टूबर २०१५ के आधार पर सूर्य प्रकाश सुंदरियाल को राजकीय इंटर कालेज जखोल उत्तरकाशी में रिक्त प्रधान सहायक के पद पर स्थानांतरण कर दिया गया। सुंदरियाल के खिलाफ जनक सिंह राणा द्वारा जिला शिक्षा उत्तरकाशी को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि मुझ पर २००६-०७ व २००७-०८ में बीआरसी खाते से १ लाख ५० हजार निकालकर उससे अपना घर बनाने का आरोप लगाना सही नहीं है। वास्तविक यह है कि उक्त खाता बीआरसी व उपशिक्षा अधिकारी का संयुक्त खाता होता है, जिसका लेन-देन दोनों लोगों के हस्ताक्षरों से होता है। इसके अलावा यमुनोत्री में उनके नाम होटल होने की बात भी बेबुनियाद है। उनका कहना है कि उक्त होटल उनकी पत्नी के नाम है और इसके निर्माण के लिए धनराशि भूमि बिक्री व विभिन्न बैंकों से लोन लेकर जुटाई गई है। उनके पास वर्तमान में तीन नहीं, बल्कि एक गाड़ी है, जो कि उन्होंने पुरानी गाड़ी को बदलकर ४.५ लाख का लोन लेकर फाइनेंस की है। देहरादून में उनके नाम से नहीं, बल्कि उनकी पत्नी के नाम से घर है। यह भी उन्होंने बैंक से १९ लाख रुपए का लोन लेकर बनाया है।
बहरहाल, श्री राणा की संपत्ति पर उठे सवाल व उन पर लगी अनियमितताओं के जवाब तो उच्च स्तरीय जांच के बाद ही सार्वजनिक हो पाएंगे। फिर भी इस संग्राम में कौन हारता-जीतता है, यह आने वाला समय ही तय कर पाएगा।

”सूर्य प्रकाश सुंदरियाल ने जो भी आरोप लगाए हैं, वह बेबुनियाद व निराधार हैं। सुंदरियाल स्वयं पेंशन प्रकरणों व कई अन्य मामलों में अनियमितताओं से घिरे रहे। स्वयं को बचाने को लेकर ही वे और उनकी पत्नी मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। यह मेरी छवि खराब करने की कोशिश है।
– जनक सिंह राणा, ब्लॉक समन्वयक, नौगांव एवंं
जिला महामंत्री, रा.प्रा. शिक्षक संघ, उत्तरकाशी

”सभी कार्मिकों की मुख्यालय स्तर के अधिकारी द्वारा निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। मेरे पति इस कार्यालय में मात्र एक वर्ष से तैनात हैं, जबकि वित्तीय अनियमितताएं विगत १५ वर्षों से जारी हंै। मेरे पति का स्थानांतरण किया जाता है तो उन्हें न्यायालय की शरण में जाने को बाध्य होना पड़ेगा।- अंबिका सुंदरियाल
नौगांव बाजार, उत्तरकाशी

ब्लॉक समन्वयक जनक सिंह राणा पर लगाए गए आरोप सही हैं या गलत, यह तो उच्च स्तरीय जांच के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन यह तय है कि सहायक व समन्वयक के बीच छिड़े इस संग्राम में नुकसान आम जनता को ही उठाना पड़ेगा।


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