डबल इंजन की सरकार में पहली बार जिलाधिकारी उत्साह ही नहीं, बल्कि अति उत्साह में भी नजर आने लगे हैं। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आईएएस वीक के एक समारोह में बयान जारी किया था कि अधिकारी ही सरकार का चेहरा होते हैं। हो सकता है कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जिम्मेदारियों का एहसास कराने के लिए यह बात कही हो। डबल इंजन की सरकार में अधिकारियों की नाखुशी-नाराजगी भी कई बार सामने आ चुकी है, किंतु कुछ अधिकारियों के उत्साह ने वास्तव में ताजगी का भी एहसास कराया।
चंपावत के जिलाधिकारी व ऊधमसिंहनगर के पुलिस कप्तान का मरीजों को देखना हो या रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की पत्नी का विद्यालय जाकर शिक्षण कार्य करवाना, चारों ओर अधिकारियों द्वारा उत्साह का वातावरण तैयार करने के इस दौर मे टिहरी की जिलाधिकारी सोनिका सिंह ने भी जोश-खरोश में 25 नवंबर 2017 को मुख्यमंत्री का टिहरी जनपद का भ्रमण कार्यक्रम सार्वजनिक कर उसकी प्रतिलिपि तमाम जगह भेज दी। उक्त कार्यक्रम 26 नवंबर 2017 को दोपहर 12 बजे से 1 बजे के लिए दर्शाया गया। जिसमें प्रतापनगर स्थित सेम नागराजा के त्रिवार्षिक मेला एवं जात्रा सेम-मुखेम टिहरी गढ़वाल में प्रतिभाग की बात लिखी गई। टिहरी को चमकाने के लिए जिलाधिकारी सोनिका सिंह ने उत्साह में सेम नागराजा को पांचवां धाम भी बता दिया। जिलाधिकारी द्वारा सेम नागराजा को पांचवां धाम लिखने के बाद भाजपाइयों ने उनसे एक कदम और आगे बढ़ते हुए मुख्यमंत्री के आगमन से पहले ही सेम नागराजा को पांचवां धाम घोषित करने के पर्चे-पोस्टर चिपका डाले।
जिलाधिकारी टिहरी द्वारा दिखाए गए इस उत्साह के बाद एक बार फिर चर्चा शुरू हुई कि हेमकुंड साहिब, पिरान कलियर, बैजनाथ धाम को वर्षों से पांचवां धाम घोषित करने की मांग आखिर कैसे छूट गई। आखिरकार कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी टिहरी की गलती को दुरुस्त करते हुए घोषणा की कि सेम नागराजा को पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलाएंगे।
टिहरी जिला प्रशासन का कहना है कि उन्हें सीएम कार्यालय से जैसा प्रोग्राम मिला,उन्होने वैसा ही जारी कर दिया था। स्थानीय लोगों का कहना है कि बहरहाल इन चर्चाओं के कारण सेम मुखेम का नाम भी पांचवें धाम की दावेदारी मे शुमार हो गया है।यदि इसी बहाने कुछ पर्यटन बढ जाए तो बुरा क्या है!