गिरीश गैरोला/उत्तरकाशी
सोमवार रात से उच्च हिमाँलई क्षेत्र मे सुरू हुई बर्फवारी का दौर घाटी तक पहुच गया है । गंगोत्री यमुनोत्री तीर्थ धाम सहित हरसिल, मुखवा, धराली और सुकखी टॉप मे भी जमकर बर्फवारी हुई है । हालांकि पश्चिमी बिक्षोब के बाई तरह खिसक जाने से बर्फवारी का दौर थम गया है । जानकारो की माने तो इस बार की बर्फ मे नमी का प्रतिसत ज्यादा था, लिहाजा घाटी मे बर्फ अधिक देर तक तिक नहीं पायी, किन्तु इसके बाद जो पाउडर बर्फवारी का दौर सुरू होगा वो बर्फ देर तक पर्यटको को लुभाती रहेगी। हम अपने दर्शको को live व्यू दे रहे है, ताकि जो लोग बर्फवारी अपनी आंखो से पहली बार देख रहे हो उन्हे टीवी पर ही मौके पर होने का अहसास हो सके। आमतौर पर शीतकाल मे चारधाम यात्रा बंद होने के बाद इन धामो मे वीरानी छा जाती है, किन्तु विगत कुछ वर्षो से बर्फवारी के बाद भी पर्यटन के शौकीन लोग इन इलाको का दौरा कर रहे है। चारो तरफ बर्फ से ढकी पहाड़ीयो और सड़क पर टायर की लीक से बने रास्ते पर चलना अपने आप मे कौतूहल से भरा है। गंगोत्री मार्ग पर पर्यटक स्थल हरसिल, मुखवा, धरली मे घरो और गेस्ट हाउस की छत और सड़क के साथ पेड़ पौधे भी खूब चाँदनी ओढ़े हुए है । विगत 8 वर्षो से गंगोत्री मे ही निवास कर रहे मंदिर के चौकीदार ने बताया कि 12 दिसंबर रात से बर्फवारी हुई है जिसके बाद पूरे इलाके मे मौसम सुहाना हो गया है।
मंदिर के चौकीदर कहते हैं कि देश विदेश से आए पर्यटक प्रकृति कि इस अद्भुत छटा से अभिभूत है और जमकर इसका आनंद ले रहे है। साथ ही जिंदगी मे एक बार जरूर इस स्थान का दौरा करने की सलाह भ दे रहे है।
पर्यटन विभाग के प्रयासो से इतर निजी टूर ओपरेटर तिलक सोनी ने बताया कि शीतकाल मे भी यहा पर्यटको को आकर्षित करने के लिए प्रकृति ने तमाम नियामते हमे दी है। लिहाजा विगत कुछ वर्षो से से अपने प्रयासो से यहा बर्फवारी के दौरान तीन तीन दिनो का स्नो बायकिंग टूर चला रहे है जिमसे 6 जनवरी को बाइक से बद्रि नाथ धाम और 26 जनवरी को बाइक से ही गंगोत्री का रोमांचक टूर बनाया गया है जिसमे पर्यटको कि सुविधा के लिए दो एसयूवी वहाँ भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान पर्यटको को बर्फ मे बाइक चलाने के गुर और बिपरीत स्थिति मे खुद को सुरक्षित रखने के गुर भी शिकाए जाएंगे ।