कृष्णा बिष्ट
पाठकों को याद होगा कि कल पर्वतजन ने फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति लेने वाले कुछ छात्रों और फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाने वाले उनके अभिभावकों पर दस्तावेजों के साथ एक खुलासा किया था और बताया था कि किस तरह से जांच एजेंसियां जानबूझकर इन मामलों को नजरअंदाज कर रही है। आज उसी कड़ी में कुछ और खुलासे आपके सामने प्रस्तुत हैं। इसमें आप पाएंगे किस तरह से एक छात्र ने दो-दो जगह से फर्जी तरह से छात्रवृत्तियां ली और किस तरह से सरकारी कर्मचारियों ने भी फर्जी इनकम दिखाकर अपने बच्चों के लिए छात्रवृत्तियां हासिल की।
एक उदाहरण देखिए, – कुमारी बबीता पुत्री खजान सिंह ने भी कम आय का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर लगातार अलग-अलग कॉलेजों में एमबीए कोर्स के नाम पर फर्जी एडमिशन से समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति प्राप्त की। बबीता के पिता खजान सिंह सरकारी विभाग में पंजीकृत ठेकेदार हैं और पूर्व ग्राम प्रधान रहे हैं और कालसी तहसील में इनके पास जमीन मकान है तथा विकास नगर तहसील में भी जमीन और पक्के मकान हैं।
दूसरा उदाहरण देखिए, – ग्राम मुंशी गांव पोस्ट लुधेरा कालसी के रहने वाली बबीता तोमर ने वर्ष 15-16 में हिमगिरि ज़ी यूनिवर्सिटी देहरादून में एमबीए के कोर्स में एडमिशन दिखाकर ₹60500 की छात्रवृत्ति प्राप्त की तथा अगले साल मदरहुड यूनिवर्सिटी रुड़की में वर्ष 16-17 में एमबीए में एडमिशन दिखाकर 90280 रुपए का भुगतान प्राप्त कर लिया।
तीसरे उदाहरण पर एक नजर मे ही आप पाएंगे कि इसी तरह से कालसी तहसील के खाडी गांव की अंजू तोमर ने भी वर्ष 2014-15 में शास्त्री इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन रुड़की से B.Ed करने के नाम पर 29000 की छात्रवृत्ति हासिल की तथा अगले ही साल 16-17 में रुड़की बिजनेस स्कूल प्रहलादपुर से बीबीए कोर्स के नाम पर ₹55300 की छात्रवृत्ति हासिल कर ली। अंजू तोमर के पिता श्याम सिंह एक बड़े व्यवसाई हैं। इन्होंने अपने लड़के के नाम पर भी अलग अलग आय दिखाकर छात्रवृति प्राप्त की है।
चौथा उदाहरण देखिए,- लखवार कालसी के लोहारी गांव निवासी विम्मी तोमर ने सरस्वती प्रोफेशनल डिग्री कॉलेज हरिद्वार से बीसीए कोर्स के नाम पर ₹45300 छात्रवृत्ति ली है जबकि विम्मी तोमर के पिता गजेंद्र सिंह आइटीबीपी में नायक के पद पर कार्यरत हैं और इनके पास लखस्यार में पक्का मकान, जमीन और विकास नगर में मकान और गाड़ी है।
इन्होंने फर्जी आय दिखाकर समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति ली है।
फर्जी छात्रवृत्ति का पांचवां उदाहरण आप को चौंका देगा। क्योंकि इसमें सरकारी कर्मचारी भी अपने बच्चों को छात्रवृत्ति दिलाने में पीछे नहीं रहे।
अल्पाइन कॉलेज ऑफ़ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी से होटल मैनेजमेंट कोर्स के नाम पर ₹48000 छात्रवृत्ति लेने वाले विपिन सिंह के पिता अमर सिंह इंटर कॉलेज में अध्यापक हैं लुधेरा गांव, तहसील कालसी में इनके पास मकान, जमीन आदि हैं और विकास नगर में भी इनका एक मकान है। ऐसे मे भी इन्होंने फर्जी आय दिखाकर समाज कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति प्राप्त की है। लेकिन ऐसे सभी मामलों की जानकारी एसआईटी के संज्ञान में होने पर भी जांच एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है।
गौरतलब है कि आरटीआई एक्टिविस्ट तथा वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रशेखर करगेती ने भी 10 जनवरी 2018 को फर्जी छात्रवृत्ति लेने वाले तीन छात्रों के खिलाफ डोईवाला थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी लेकिन एसआईटी के संज्ञान में मामला होने पर भी उपरोक्त तमाम फर्जी छात्रों और फर्जी आय प्रमाण पत्र दिखाने वाले उनके अभिभावकों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
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