कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के मुख्य न्यायाधीश के कहने पर मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना याचिका उच्च न्यायालय में दाखिल की गई है। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ के आदेशों की अवहेलना/अनदेखी करने के मामले में एन.आई.टी.के स्थायी कैंपस सम्बंधित याचिकाकर्ता ने अवमानना याचिका दाखिल की है।
एन.आई.टी.के पूर्व छात्र 24 वर्षीय जसवीर सिंह ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह के खिलाफ न्यायलय के इशारे के बाद अवमानना की कार्यवाही करते हुए याचिका दायर की है। खण्डपीठ ने श्रीनगर से एन.आई.टी.को राजस्थान के जयपुर में शिफ्ट करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका मेंं नाराज होते हुए कहा था कि मामला राजनीति और ब्यूरोक्रेट के हाथों की कठपुतली बन गया है। खण्डपीठ ने पूरे राज्य के भूगर्भीय दृष्टि से संवेदनशील होने के जवाब के कारण सरकार से कई सवाल किए थे।
याचिकाकार्त ने न्यायालय को बताया था कि आई.आई.टी.रुड़की और सी.पी.डब्ल्यू.डी.द्वारा विशिष्ट आपत्ति जताई गई थी, लेकिन महाधिवक्ता, संबंधित जमीन के मामले में न्यायालय को संतुष्ट नहीं कर सके थे। पूर्व में मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति एन.एस.धनिक की खंडपीठ ने नाराजगी जताते हुए 27 मार्च 2019 को पहाड़ अथवा मैदान में एन.आई.टी.कैंपस लगाने के लिए चार स्थान चिन्हित कर न्यायालय को बताने को कहा था। सरकार ने तय सीमा तक न्यायालय के सामने कोई भी जगह चिन्हित कर नहीं रखी थी।
न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए ये भी कहा था कि राज्य सरकार की सुस्ती के चलते उत्तराखण्ड में बनाने के लिए दिए गए इस प्रतिष्ठित संस्थान को बाहर ले जाया जा सकता है। न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकार को भी इस मसले पर लापरवाही के लिए फटकार लगाई थी।
न्यायालय ने 25 अप्रैल को मामले को सुनने के बाद याचिकाकर्ता को प्रारंभिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने को कहा। आज याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया की अवमानना याचिका दायर की जा चुकी है और संभवतः कल मंगलवार को न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की कोर्ट में सुनवाई के लिए लगेगी।