सीएमओ के यहां नहीं,जिला होम्योपैथिक अधिकारी के यहां हो होम्योपैथी के पंजीकरण
होम्योपैथिक अस्पताल संचालकों ने क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में पंजीकरण सीएमओ के यहां कराने का विरोध करते हुए उनका पंजीकरण जिला होम्योपैथिक अधिकारी के यहां कराने की मांग की है।
होम्योपैथिक अस्पताल संचालकों का तर्क है कि जिस प्रकार होम्योपैथी विभाग का जिले में कार्यालय अध्यक्ष जिला होम्योपैथिक अधिकारी होता है। एलोपैथी का कार्यालय अध्यक्ष मुख्य चिकित्सा अधिकारी होता है। इसी तरह आयुर्वेदिक का जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी होता है। जब हर पैथी के अपने कार्यालय अध्यक्ष अलग-अलग हैं। तीनों विधायें अलग हैं और तीनों के निदेशालय भी अलग हैं तो फिर होम्योपैथिक को सीएमओ के यहां पंजीकरण कराने का क्या औचित्य है? इस लिहाज से होम्योपैथी को भी अपने कार्यालय अध्यक्ष के यहीं पंजीकरण होने चाहिए। बावजूद इसके सीएमओ के यहां होम्योपैथी का पंजीकरण कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाना कहीं से भी न्यायोचित नहीं है।
होम्योपैथिक अधिकारियों ने इस निर्णय को गलत ठहराया है। उनका तर्क है कि जब वह होम्योपैथी को जानते ही नहीं हैं तो फिर सीएमओ के यहां होम्योपैथी का पंजीकरण कैसे किया जा सकता है? उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल गलत है। जिला होम्योपैथिक अधिकारी कार्यालय में ही उनका पंजीकरण होना चाहिए।
इस संबंध में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथिक फिजीशियन एवं उत्तरांचल होम्योपैथिक मेडिकल एसोएिशन के पदाधिकारियों ने भी उत्तराखंड राज्य में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट अधिनियम २०१० के अंतर्गत होम्योपैथिक चिकित्सालय का पंजीकरण होम्योपैथिक चिकित्सालय अधिकारी कार्यालयों में कराए जाने की मांग की है। इसको लेकर उन्होंने होम्योपैथी मेडिकल सर्विसेज के डायरेक्टर डा. राजेंद्र सिंह से मुलाकात की। उन्होंने प्रदेश में होम्योपैथी अस्पतालों एवं क्लीनिकों का पंजीकरण जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी कार्यालयों में ही कराने मांग की है। इस पर डा. राजेंद्र सिंह ने उनकी मांगों से शासन को अवगत कराने का आश्वासन दिया है।
विदित है कि होम्योपैथिक विधा एलोपैथिक एवं आयुर्वेदिक पद्यति से अलग है। जिसमें होम्योपैथिक औषधियों द्वारा इलाज किया जाता है। प्रत्येक राज्य में इस पद्यति के अपना एक अलग निदेशालय, होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड/काउंसिल एवं जिला होम्योपैथिक औषधियों द्वारा इलाज किया जाता है। प्रत्येक राज्य में इसका अपना एक अलग निदेशालय, होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड/काउंसिल एवं जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी, कार्यालय स्थित हैं एवं केंद्र सरकार द्वारा भी एक अलग आयुष मंत्रालय तथा केंद्रीय चिकित्सा परिषद की स्थापना की गई है। होम्योपैथिक चिकित्सा एवं चिकित्सा से संबंधित कार्यों की देखरेख उक्त विभागों द्वारा ही की जाती है।
इस दौरान उत्तरांचल होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. बेनू शर्मा, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथिक फिजिशियन के अध्यक्ष डा. इंद्रजीत नंदा, डा. रमन नाकरा, डा. गगन नाकरा, डा. ऋषि अग्रवाल, डा. शैलेंद्र पांडेय आदि मौजूद थेे।