कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड राज्य बनने से अब तक वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्र व अनुमानित क्षति का ब्यौरा जानकर आप हैरान रह जाएंगे। इन जंगलों को आग के हवाले करने में विभाग ने कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया है।
वर्षवार जंगल में आग
वर्ष 2000 में 925 हैक्टेयर – 2.99 लाख रुपये का नुकसान। वर्ष 2001 में 1393 हैक्टेयर – 1.17 लाख रुपये का नुकसान। वर्ष 2002 में 3231 हैक्टेयर – 5.19 लाख रुपये का नुकसान। वर्ष 2003 में 4983 हैक्टेयर – 10.12 लाख रुपये का नुकसान। वर्ष 2004 में 4850 हैक्टेयर – 13.14 लाख रुपये का नुकसान। वर्ष 2005 में 3652 हैक्टेयर – 10.82 लाख रुपये का नुकसान। वर्ष 2006 में 562 हैक्टेयर – 1.62 लाख रुपये का नुकसान । वर्ष 2007 में 1595 हैक्टेयर – 3.67 लाख रुपये का नुकसान। वर्ष 2008 में 2369 हैक्टेयर – 2.68 लाख रुपये का नुकसान । वर्ष 2009 में 4115 हैक्टेयर – 4.75 लाख रुपये का नुकसान । वर्ष 2010 में 1610 हैक्टेयर – 0.05 लाख रुपये का नुकसान । वर्ष 2011 में 231 हैक्टेयर – 0.30 लाख रुपये का नुकसान । वर्ष 2012 में 2826 हैक्टेयर – 3.03 लाख रुपये का नुकसान । वर्ष 2013 में 384 हैक्टेयर – 4.28 लाख रुपये का नुकसान । वर्ष 2014 में 930 हैक्टेयर – 4.39 लाख रुपये का नुकसान । वर्ष 2015 में 701 हैक्टेयर – 7.94 लाख रुपये का नुकसान। वर्ष 2016 में 4433 हैक्टेयर – 4.65 लाख रुपये का नुकसान । वर्ष 2017 में 1244 हैक्टेयर – 18.34 लाख रुपये का नुकसान और वर्ष 2018 में सर्वाधिक 4480 हैक्टेयर जिसमें कुल 86 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
वर्ष 2000 से 2018 तक कुल 38,791हैक्टेयर जंगल का नुकसान हुआ जबकि इसमें कुल 18,522 लाख रुपये का नुकसान हो गया।
हल्द्वानी के आर.टी.आई.कार्यकर्ता हेमंत गौनिया द्वारा मांगी गई सूचना के जवाब में मुख्य वन संरक्षक कार्यालय, वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन, देहरादून ने 28 मार्च 2019 को जवाब देकर बताया है कि फायर सीजन यानी वनाग्नि काल से पहले वन विभाग फायर लाइनों की सफाई, रोटेशनल एवं नियंत्रित फुकान, जिला एवं राज्य स्तरीय अग्नि प्रबंधन योजना, जागरूकता कार्यक्रम, मास्टर कंट्रोल रूम, क्रू स्टेशन, वॉच टावर, वायरलेस संचार नेटवर्क, सैटेलाइट आधारित सूचना प्रणाली, वन फायर रिपोर्ट प्रबंध प्रणाली और आधुनिक फायर फाइटिंग टूल्स का
इंतजाम करके रखती है।
इसके अलावा वन विभाग ने वनाग्नि काल के दौरान किये जाने वाले कार्यों में वनाग्नि घटना की पहचान, क्रू स्टेशन अथवा मोबाइल टीम द्वारा अग्निशमन की कार्यवाही, जागरूकता अभियान की निरंतरता, नियंत्रित फुकान एवं फायर ड्रिल और संकट में की जाने वाली कार्यवाही शामिल है।
जंगलों को आग के हवाले करने में विभाग ने वर्ष 2016 में आठ, वर्ष 2017 में शून्य और वर्ष 2018 में सात लोगों को आग लगाते हुए पकड़ा गया, जिनके खिलाफ वाद न्यायालय में विचाराधीन हैं।