जिला उपभोक्ता आयोग ने तकनीकी आधार पर क्लेम न देने को माना सेवा में कमी!
जिला उपभोक्ता आयोग उधमसिंह नगर ने वाहन चोरी होने पर तकनीकी आधार पर बहाना करके बीमा क्लेम न देने को उपभोक्ता सेवा में कमी मानते हुए बीमा कम्पनी को 5 लाख 15 हजार 602 रू. का मय ब्याज भुगतान उपभोक्ता को करने के आदेश दिये है।
काशीपुर निवासी रियासत हुसैन की ओर से नदीम उद्दीन एडवोकेट ने जिला उपभोक्ता फोरम (अब उपभोक्ता आयोग) उधमसिंह नगर में परिवाद दायर करके कहा था कि, परिवादी ने इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि0 से रू. 26541 का प्रीमियम भुगतान करके अपने वाहन महेन्द्र पिकप यूके 18 सीए 1059 का बीमा कराया।
बीमा अवधि में वाहन चोरी होने पर उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करायी तथा बीमा कम्पनी को सूचना दी। बीमा कम्पनी द्वारा सर्वे के उपरान्त भी क्लेम का भुगतान न करने पर रियासत हुसैन ने अपने अधिवक्ता नदीम उद्दीन के माध्यम से बीमा कम्पनी को कानूनी नोटिस भेजा। इसका भी कोई उत्तर न देने पर उपभोक्ता फोरम में इस सेवा में कमी के आधार पर परिवाद प्रस्तुत किया गया।
बीमा कंपनी की ओर से तर्क दिया गया कि, कम्पनी के द्वारा कागज न देने पर बीमा क्लेम “नो क्लेम“ किया गया है। उनकी ओर से यह भी कहा गया कि बीमा कम्पनी व पुलिस को देरी से वाहन चोरी की सूचना दी गयी है।
जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष यू.एस.नबियाल तथा सदस्य सबाहत हुसैन खान ने परिवादी के अधिवक्ता नदीम उद्दीन के तर्कों को सुनने के बाद निर्धारित किया कि, बीमा कम्पनी द्वारा अपना अन्वेषक (सर्वेयर) नियुक्त करने के कथन से भी स्पष्ट प्रमाणित हो जाता है कि, बीमा क्लेम कार्यवाही योग्य था| बीमा विनियाक और विकास प्राधिकरण (झंडा) के सर्कुलर दिनांक 20-09-2011 के अनुसार बीमा कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिये गये है कि, सूचना में देरी सहित किसी भी तकनीकी आधारों पर बीमा क्लेम निरस्त नहीं किया जाये। इसमें यह भी उल्लेखित किया गया है कि, यदि चोरी की घटना वास्तविक हो तो ऐसी दशा में क्लेम सेटलमेंट प्रभावित नहीं होना चाहिए। इस मामले में फाइनल रिपोर्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा स्वीकार की गयी है जिससे स्पष्ट है कि परिवादी के वाहन चोरी की घटना वास्तविक है।
उपभोक्ता आयोग के निर्णय के अनुसार वाहन चोरी की घटना घटित होने के उपरान्त बीमा कम्पनी द्वारा अकारण क्लेम अस्वीकृत करना सेवा में कमी ही मानी जायेगी।
जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष यू.एस. नबियाल तथा सदस्य सबाहत हुसैन खान ने बीमा कम्पनी को निर्देश दिया कि, निर्णय की तिथि से एक माह के अन्दर वाहन की बीमित धनराशि रू. 5,05,602 जो वाद दायर करने की तिथि 16-02-2018 से वास्तविक भुगतान की तिथि तक मय 9 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित देय होगी का भुगतान परिवादी को करें। इसके अतिरिक्त मानसिक/शारीरिक क्षतिपूर्ति के लिये 5000 तथा वाद व्यय के लिये रू. 5000 का भी भुगतान बीमा कम्पनी परिवादी को करें।