ओवर रेटिंग का बडा काला कारोबार किसके इशारे पर?
प्रेमनगर में दो सौ से तीन सौ रूपये बोतल बिक रही महंगी
आबकारी मंत्री से लेकर डीओ तक खामोश क्यों!
प्रमुख संवाददाता
देहरादून। उत्तराखण्ड के अन्दर पिछले एक साल से आबकारी विभाग पर दाग लगते आ रहे हैं कि शराब ठेकों पर खुलकर ओवर रेटिंग का खेल चल रहा है।
इस ओवर रेटिंग के खेल पर आबकारी मंत्री से लेकर डीओ तक क्यों खामोशी साधे हुए हैं यह एक बडा सवाल प्रदेश के अन्दर पनपने लगा है। आबकारी मंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा था कि ओवर रेटिंग करने वाली दुकानों के खिलाफ कडी कार्यवाही की जायेगी लेकिन मंत्री का यह दावा प्रदेश के अन्दर टॉय-टॉय फिस्स होकर रह गया है।
ओवर रेटिंग का काला कारोबार किसके इशारे पर चल रहा है यह अब डबल इंजन की सरकार पर भी सवालिया निशान लगाने लगा है? गजब बात तो यह है कि दून में जहां सारी सरकार मौजूद है वहां कैसे और किसके इशारे पर शराब की बोतलों पर बडा ओवर रेटिंग का तांडव चल रहा है यह आबकारी मंत्री पर एक बडा सवाल खडा कर रहा है। 24 घंटे पूर्व प्रेमनगर के अंग्रेजी शराब के ठेके पर राजधानी के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति से भी शराब की बोतल पर जब दो सौ रूपये ज्यादा मांगे गये तो व्यक्ति ने वहां के कर्मचारियों की खुली गुंडई की वीडियो बना ली और इसकी शिकायत डीओ से लेकर आबकारी मंत्री तक से कर डाली। शराब ठेकों पर ओवर रेटिंग और किसी के विरोध करने पर वहां शराब कर्मचारियों द्वारा खुलई गुंडई दिखाना यह साबित कर रहा है कि राजधानी में शायद शराब माफियाराज कायम हो गया है?
उल्लेखनीय है कि उत्तराखण्ड में जबसे सरकार का गठन हुआ है तबसे किसी न किसी जिले से यह आवाज उठती आ रही है कि शराब ठेकों पर ओवर रेटिंग का काला कारोबार चल रहा है। कांग्रेस के चंद दिग्गज नेता भी सरकार पर आरोप लगा चुके हैं कि ओवर रेटिंग का खेल उसकी शह पर चल रहा है और हर रोज लाखों रूपये की वसूली किसकी जेबों में जा रही है यह अपने आपमें कई सवाल खडे कर रहा है। राजधानी से लेकर पहाड़ तक में शराब पर खुलकर प्रत्येक बोतल पर ओवर रेटिंग का काला कारोबार चल रहा है और आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने भी दर्जनों बार दावा किया कि ओवर रेटिंग करने वाले दुकानदारों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। इतना ही नहीं जब एक मीडियाकर्मी ने राजधानी के कुछ शराब ठेकों में ओवर रेटिंग के काले कारोबार को बेनकाब किया था तो आबकारी मंत्री ने ठेकों पर कोई कार्यवाही करने के बजाए सोशल मीडिया पर दावा किया था कि आबकारी विभाग ऐसी नीति बना रहा है जिससे कि किसी दुकान तीन बार ओवर रेटिंग होते हुए पाई गई तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जायेगा। आबकारी मंत्री का यह दावा किसी के गले नहीं उतरा और यह बात उठती रही कि अगर कोई पहली बार में गलती करता है तो उसे तत्काल उसकी सजा क्यों नहीं दी जाये। आबकारी मंत्री के तमाम दावों के बावजूद राजधानी से लेकर पहाडों तक में शराब पर खुलकर ओवर रेटिंग का खुला कारोबार हो रहा है। इसका भांडा बीते रोज फिर उस समय फूट गया जब शहर के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति ने प्रेमनगर अंग्रेजी शराब के ठेके से टीचर्स की बोतल मांगी तो ठेके के सेल्समैन ने बोतल 1750 रूपये की बताया जिस पर शराब खरीदने वाले ने कहा कि यह बोतल तो 1520 रूपये की है तो फिर दो सौ रूपये महंगी बोतल क्यों बेच रहे हैं। इस पर शराब ठेके के लोगों द्वारा गुंडई दिखानी शुरू कर दी गई और जब 100 पाइपर की बोतल का रेट पूछा गया तो वह भी दो सौ रूपये अधिक बताई गई जिस पर शराब खरीदने वाले ने सेल्समैनों की वीडियो बनानी शुरू कर दी क्योंकि वह मौके पर खुलकर अपनी गुंडई दिखा रहे थे। शराब खरीदने आये व्यक्ति ने ठेके के सेल्समैनों द्वारा की जा रही ओवर रेटिंग की शिकायत आबकारी विभाग के डीओ, विभाग के एक बडे अफसर से लेकर जिला व पुलिस प्रशासन के अफसरों से भी की तथा आबकारी मंत्री प्रकाश पंत के मोबाइल पर ठेके के सेल्समैनों की गुंडई की वीडियो भी भेजी।
हालांकि सवाल यह खडा़ हो रहा है कि आखिरकार राजधानी में किसके इशारे पर शराब ठेकों में ओवर रेटिंग का काला कारोबार किया जा रहा है?