विकलांगजनों की पेंशन बढ़ौत्तरी मामले को लेकर मोर्चा ने किया तहसील घेराव
तत्कालीन मुख्यमन्त्री श्री हरीश रावत द्वारा माह जुलाई 2016 में जनसंघर्ष मोर्चा के आग्रह पर प्रदेश के 60% से ऊपर की श्रेणी के विकलांगजनों, जो कि पूर्णतया अक्षम तथा दूसरों पर आश्रित गरीब विकलांग हैं, उनको 2000/-रू. (दो हजार रूपये) प्रतिमाह पेंशन प्रदान किये जाने सम्बन्धी आदेश पारित किये थे, लेकिन 2 वर्ष के लगभग व्यतीत होने के उपरान्त आज तक भी शासन में बैठे गैरजिम्मेदार व संवेदनहीन अधिकारियों की वजह से इन गरीब विकलांगजनों की पेंशन में बढ़ौत्तरी नहीं की गयी।
इन गैर जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनके द्वारा उक्त पत्रावली पर कार्यवाही करने के बजाय पत्रावली को एक पटल से दूसरे पटल पर घुमाया जा रहा है तथा इसी कड़ी में समाज कल्याण निदेशालय भी इनकी इस कारगुजारी में शामिल है।
हैरानी की बात यह है कि प्रदेश भर में उपरोक्त श्रेणी के विकलांगजन बिस्तर पर पड़े-पड़े अपनी जिन्दगी बसर कर रहे हैं तथा इनकी सेवा में लगे इनके अभिभावक (माता-पिता) इनको छोड़कर कहीं रोजगार इत्यादि भी नहीं कर सकते, क्योंकि इनके पास हर वक्त सहारा देने वाले व्यक्ति की मौजूदगी जरूरी होती है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के विधायक, मन्त्री अपनी पेंशन/वेतन में रातों-रात वृद्वि कर रहे हैं, लेकिन इन विकलांगजनों की पीड़ा से इनका कोई सरोकार नहीं है।
जनसंघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं द्वारा मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में प्रदेश के विकलांगजनों की पेंशन बढ़ौत्तरी को लेकर विकलांगजनों के साथ तहसील घेराव कर महामहिम राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम श्री जितेन्द्र कुमार को सौंपा।
जनसंघर्ष मोर्चा ने महामहिम राज्यपाल से आग्रह किया कि तत्कालीन मुख्यमन्त्री द्वारा पारित आदेश दिनांक 27.07.2016, जिनमें 60% से ऊपर श्रेणी के विकलांगजनों को प्रतिमाह 2000/-रू0 पेंशन स्वीकृत करने हेतु निर्देशित किया गया था, को लागू कराने हेतु शासन के गैर जिम्मेदार एवं संवेदनहीन अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करें, जिससे इन गरीब विकलांगजनों की पीड़ा कम हो सके।
घेराव में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, डॉ. ओपी पंवार, ओपी राणा, जयदेव नेगी, जयकृत नेगी, प्रवीण शर्मा, चौधरी मामराज, मनोज चौहान, मौ. इस्लाम, मौ. नसीम, रूपचन्द, राजेश्वरी, हुमा खान, प्रेम सिंह राठौर, हाजी जामिन, भीम सिंह बिष्ट, बुसरा, मौ. अली खान, जाबिर हसन, महेन्द्र सिंघल, विनोद गोस्वामी, विनोद टाईटस, घनानन्द ध्यानी, टीकाराम उनियाल, रवि भटनागर, विनोद जैन आदि थे।