कमल जगाती,नैनीताल
उत्तराखण्ड में निकाय चुनावों से पहले नैनीताल की भा.ज.पा.में मचा घमासान कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की पहल के बाद शांत हो गया है। यहां सात बागी प्रत्याशियों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं । इसके अलावा कांग्रेस से अलग हुए पूर्व चेयरमैन मुकेश जोशी ने भी कांग्रेस प्रत्याशी सचिन नेगी के समर्थन में अपना नामांकन वापस ले लिया है।
नैनीताल में नगर पालिका के चेयरमैन का चुनाव इस वर्ष लोगों की अति महत्वकांक्षाओं के चलते अजीबो गरीब दौर में पहुँच गया था।
यहां कुल 21 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन भर दिए थे। इसमें से सात प्रत्याशी भाजपा से जुड़े थे तो एक कांग्रेस से रिश्ता रखते थे। भाजपा से टिकट वितरण और नगर अध्यक्ष की मनमानी से नाराज सात भाजपाइयों ने खुद मैदान में उतरने का मन बना लिया था।
भाजपा ने युवा नेतृत्व की आस में अरविंद पडियार को यहां से कैंडिडेट घोषित किया था। इससे नाराज होकर प्रदेश कार्यकारी सदस्य गोपाल रावत, वरिष्ट कार्यकर्ता पूरन मेहरा, अधिवक्ता दया किशन पोखरिया, महामंत्री भानु पंत, अधिवक्ता राकेश कुमार और रोहित भाटिया ने चेयरमैन पद के लिए नामांकन करा दिया था जिसमे से रोहित भाटिया का नामांकन निरस्त हो गया था। इससे अलग भाजपा के ही बागी कुंदन बिष्ट ने भी अपना नामांकन करा दिया था। तभी से सियासत में तरह तरह के कयास लगाए जा रहे थे। भाजपा मुख्य नेतृत्व डैमेज कंट्रोल में लगा था कि इसी बीच कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत और मंत्री मंडल के कुछ अन्य सदस्यों के साथ भाजपा संगठन ने भी बागियों को मनाने में सफलता हासिल कर ली। आज भाजपा के बागी सभी छह उम्मीदवारों ने अपने नाम कलेक्ट्रेट जाकर वापस ले लिए हैं। बागी प्रत्याशी कुंदन बिष्ट ने भी प्रकाश पंत की उपस्थिति में नाम वापस लेने की घोषणा कर नाम वापस ले लिया है। नाम वापसी लेने वालों में मुख्य नाम पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष मुकेश जोशी ‘मोंटू’ का भी है जिन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सचिन नेगी के समर्थन में अपना नाम वापस ले लिया है।
अब ऐसे में नैनीताल की नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव राजनीतिक पार्टियों के लिए प्रातिषत का चुनाव बन गया है। एक तरफ सरकार से जुड़ी पार्टी का युवा प्रत्याशी अरविंद पडियार है तो दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और पूर्व विधायक सरिता आर्या की आंख का तारा युवा नेता सचिन नेगी है। यहां यू.के.डी.के लोकप्रिय प्रत्याशी प्रकाश पाण्डे भी जीत की दौड़ में तेज धावक माने जा रहे हैं। इसके अलावा व्यापारियों और जनता के लिए सदैव संघर्ष करने वाले निर्दलीय प्रत्याशी किशन नेगी का भी मतदाताओं पर खासा प्रभाव है।
कुल तीन वार्ड मेम्बरों ने भी अपने नाम वापस ले लिए हैं।