हरिद्वार। अगर आप भी बड़े-बड़े मॉल और शोरूम में शॉपिंग करने की सोच रहे हैं तो आपको थोड़ी सी सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर थोड़ी भी लापरवाही हुई तो आपका पर्स भी टप्पेबाज नाक के नीचे से इस तरह उड़ा ले जाएंगे कि आपको भनक तक नहीं लगेगी। हरिद्वार का यह वाकया ही देख लीजिए।
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सीसीटीवी फुटेज में टप्पेबाज का पता चलने के बाद भी हरिद्वार की सिडकुल थाना पुलिस इस टप्पेबाज को नहीं ढूंढ पा रही है। इससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं।
दरअसल 9 नवंबर 2018 को हॉलीक्रॉस स्कूल लक्सर में पढऩे वाला एडी सिंह(पॉपी) अपने पिताजी के साथ हरिद्वार के नामी पैंटागॉन मॉल पहुंचा। इस दिन उसके पिताजी का बर्थडे था और पॉपी उन्हें गिफ्ट देना चाहता था, इसीलिए वह मॉल में पहुंचे थे। मॉल के बर्गर किंग शॉप में पॉपी ने अपना पर्स काउंटर पर रख दिया। इस दौरान बगल में खड़ा एक व्यक्ति उसे ताडऩे लगा और मौका पाते ही वह पर्स उठाकर वहां से चंपत हो गया। पर्स में 12500 रुपए और यूनियन बैंक का एक एटीएम कार्ड था। पॉपी ने ये रुपए अपनी पॉकेट मनी से लंबे समय से बचाकर रखे हुए थे और इनसे वह अपने पापा के लिए गिफ्ट खरीदने आया था। जब पॉपी को पता चला कि उसका पर्स गायब हो गया है तो उसने खोजबीन की। बर्गर किंग शॉप में लगा सीसीटीवी फुटेज निकाली गई तो उसमें पर्स उड़ाते हुए टप्पेबाज साफ नजर आ रहा है। इसकी तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। हालांकि मॉल में लगे अन्य सीसीटीवी फुटेज उन्हें नहीं दी गई।
पॉपी के पिता बताते हैं कि मौके पर पहुंचकर पुलिस ने महज मामूली छानबीन ही की। यदि पैंटागॉन मॉल में लगे अन्य सीसीटीवी की फुटेज खंगाले जाते तो टप्पेबाज का आसानी से पता लगाया जा सकता था, लेकिन मॉल प्रबंधन ने उनका सहयोग नहीं किया। अगर उनका सामान चोरी होता तो वे तत्काल चोर को पकड़वा सकते थे, लेकिन ग्राहकों के साथ हुई चोरी की घटना को मॉल प्रबंधन ने गंभीरता से नहीं लिया और टप्पेबाज भागने में सफल रहा।
उनका कहना था कि घटना के दिन पुलिस ने तहरीर लेने से भी इंकार कर दिया। हालांकि कुछ दिन गुजरने के बाद सिडकुल पुलिस ने तहरीर ली, लेकिन उसे दर्ज नहीं किया। स्थानीय लोगों का कहना है कि टप्पेबाज दिखने में संभ्रांत प्रतीत हो रहा है और उसके शिवालिक नगर और इसके आस-पास होने की संभावना है, लेकिन जिस तरह पुलिस का उदासीन रवैया है, उससे उनका सामान मिलने की उम्मीद कम होती जा रही है।
घटना के आज करीब दो सप्ताह हो चुके हैं, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में चेहरा साफ दिखाई देने के बावजूद पुलिस टप्पेबाज की तलाश नहीं कर पाई है। इससे जहां सीसीटीवी के औचित्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं, वहीं हरिद्वार पुलिस की सुस्त कार्यशैली भी उजागर हो गई है। पॉपी के पिताजी का कहना है कि पुलिस से उनका विश्वास कम होता जा रहा है।
पैंटागॉन मॉल प्रबंधन मॉल में चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगे होने और सुरक्षा के अच्छे इंतजाम होने का दावा करता है, किंतु सवाल यह है कि अगर यहां सभी सीसीटीवी काम कर रहे थे तो टप्पेबाज के फुटेज उनमें कैद क्यों नहीं हो सके? टप्पेबाज इस तरह सफाई से पर्स उड़ा ले गया कि किसी को भनक तक नहीं लगी। संभावना यह भी जताई जा रही है कि टप्पेबाज को यहां की अच्छी जानकारी थी और वह उसी रास्ते से मॉल से निकला, जहां पर सीसीटीवी नहीं चल रहे होंगे।
इस संबंध में सिडकुल थाना के एसओ देवराज शर्मा का कहना है कि सीसीटीवी के आधार पर खोजबीन चल रही है। शीघ्र ही टप्पेबाज का पता लगाया जाएगा।
बहरहाल, अब देखना यह होगा कि सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध होने के बावजूद हरिद्वार पुलिस टप्पेबाज को कब तक दबोच पाने में कामयाब हो पाती है या फिर मॉल में आने वाले लोग टप्पेबाजों से आए दिन यूं ही लुटते रहेंगे!