कोटद्वार में नगर निगम की सीट कांग्रेस की हेमलता नेगी के जीतने और लैंसडौन के विधायक दिलीप रावत की पत्नी नीतू रावत की जमानत जब्त होने के बाद भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा कोटद्वार के विधायक और काबीना मंत्री हरक सिंह रावत पर अंगुली उठाने के बाद आज हरक सिंह रावत ने खुलासा किया है कि कोटद्वार मेयर का टिकट बांटते वक्त उनकी राय नहीं ली गई। उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट व तमाम नेताओं को पहले ही बता दिया था कि यदि कोटद्वार मेयर का टिकट उनके कहने पर दिया जाता तो निश्चित रूप से दो सौ प्रतिशत सीट पर जीत होती और यही स्थिति भाजपा के लिए बेहतर होती।
देखिए वीडियो
हरक सिंह रावत का साफ कहना है कि भले ही इस बारे में कोई यह कहे कि, कंडीडेट किसको लड़ाया जाए, इस बारे में मेरे से किसी ने चर्चा नहीं की और मेरी आदत नहीं है देखिए मैं बहुत साफ बता रहा हूं, क्योंकि अब चाहे इसे मेरा घमंड कहो या मेरी उम्र का असर कहो, अब इतनी भी गई-गुजरी स्थिति नहीं है कि मंत्री रहते-रहते और विधायक रहते-रहते मैं कि मैं अब वहां गिड़गिड़ाने लगूं लोगों को कहूं कि इसको नहीं उसको कंडीडेट… कोर कमेटी का मैं मेंबर हूं वहां का प्रभारी था, कोई मुझसे पूछता कि किसको टिकट देना है तो मैं बिल्कुल सही राय देता पार्टी के हित में राय देता कोटद्वार के हित में राय देता हंड्रेड परसेंट जीत होती।
हरक सिंह रावत के इस ताजा वीडियो के बाद प्रदेश भाजपा में मचा घमासान और तेज होने की उम्मीद बढ़ गई है।
भले ही निकाय चुनाव की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह उत्तराखंड के लोगों को धन्यवाद दे चुके हैं, किंतु बड़ी सीटों पर हुई करारी हार के बाद भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी राजनीति में मचा घमासान अब सड़कों पर आने लगा है।
काबीना मंत्री मदन कौशिक द्वारा हरिद्वार में कार्यकर्ताओं की राय से इतर बाहरी प्रत्याशी अन्नु कक्कड़ को टिकट देने का खामियाजा मदन कौशिक को हार के रूप में सामने देखने को मिला तो डोईवाला में भी भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा पर्वतीय बाहुल्य सीट पर पहाड़ी व्यक्ति को ही टिकट देने की मांग को खारिज करने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपनी गृह क्षेत्र की सीट हरवाकर बैकफुट पर हैं।