राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष रामसिंह चौहान ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन स्वीकार न होने पर सोशल मीडिया पर जमकर भड़ास निकाली है। शिक्षक नेता रामसिंह ने कहा कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से टारगेट किया जा रहा है। रामसिंह ने २४ अगस्त को वीआरएस के लिए सभी दस्तावेजों सहित आवेदन किया था, किंतु शिक्षा विभाग ने उन्हें वीआरएस लेने से मना कर दिया। इस पर रामसिंह ने अपने संघ के ही पदाधिकारियों पर भी उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है और कहा है कि अब अगली साजिश का इंतजार रहेगा।
उत्तराखंड के शिक्षा विभाग को सुधारने के लिए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की घोषणाएं अभी तक हवाई ही साबित हो रही हैं। कुछ महीने पहले अरविंद पांडे ने शिक्षक संघ के नेता केके डिमरी, सोहन सिंह माजिला और पूर्व महामंत्री रामसिंह चौहान का स्थानांतरण करवा दिया था। सोहन सिंह माजिला का कहना है कि उन्हें ऐसे विद्यालय में स्थानांतरित किया गया है, जहां पद ही खाली नहीं है।
इस बीच डायट में अटैच रहे रामसिंह चौहान ने टिहरी जनपद के फकोट में आगे की नौकरी करने की बजाय २४.८.२०१८ को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर दिया। दो महीने बीतने के बाद शिक्षा विभाग ने यह कहते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देने से इंकार कर दिया है कि आवेदक रामसिंह चौहान ने बाध्य होकर अपने पारिवारिक सदस्यों की सहमति लेकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए तीन माह पूर्व आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था। ऐसी स्थिति में उनकी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को स्वीकार नहीं किया जा सकता।