उत्तराखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र में एनडी तिवारी को श्रद्धांजलि देते हुए हरक सिंह रावत ने सदन मे बड़ा बयान दिया
हरक सिंह रावत के अनुसार उत्तराखंड में जेनी प्रकरण के बाद एनडी तिवारी सरकार गिराने के लिए 28 विधायक इकट्ठा कर लिए थे।
इसके लिए उनकी प्रमोद महाजन से भी बात हो चुकी थी।इस विषय पर उनकी बात विजय बहुगुणा के साथ हुई थी। इसके एवज मे विजय बहुगुणा को राज्य सभा भेजने के लिए आॅफर दिया गया था।
मुलाकात में विधायकों ने अपनी नाराजगी को एनडी तिवारी के सामने व्यक्त किया था। लेकिन सरकार गिराने की कोशिशों के बाद भी एनडी तिवारी ने शांत मन से बात सभी विधायकों से बात की और उनकी समस्याओं का निराकरण किया।
हरक सिंह बोले,-” लेकिन विजय बहुगुणा ने सरकार गिराने की बजाय बचाने का काम किया। विजय बहुगुणा ही उन्हे एनडी तिवारी से मिलाने ले गए थे।” देखना है कि अब हरक सिंह की इस तेज गेंद का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत किस प्रकार जवाब देते हैं!
उत्तराखंड की सियासत में इन दिनों कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच तनातनी बनी हुई है।
त्रिवेंद्र रावत द्वारा एक के बाद एक दूसरे मंत्रियों के विभागों में हस्तक्षेप के बाद शेष दो मंत्री शांत हैं किंतु हरक सिंह रावत लगातार बैटिंग कर रहे हैं।
आई एफ एस अधिकारियों के कार्यक्रम में मंच पर ही एक दूसरे के बीच लड़े पेंचोखम के बाद आज हरक सिंह रावत ने आज इशारों इशारों में अपनी बात कह दी।
हरक सिंह रावत के ही नेतृत्व में कांग्रेस दो फाड़ हो गई थी और तब भारतीय जनता पार्टी को उत्तराखंड में सरकार बनाने का बड़ा अवसर मिला।
डा. हरक सिंह रावत विजय बहुगुणा, सुबोध उनियाल सहित कुल 9 विधायकों को लेकर भाजपा में शामिल हुए थे। बाद में 14 लोगों को कुल टिकट दिए गए , जिनमें से अधिकांश जीत कर भी आए। आज स्व.नारायण दत्त तिवारी को श्रद्धांजलि देने के अवसर पर हरक सिंह रावत ने जो खुलासा किया है, उसकी गूंज देर तक सुनाई देने की पूरी संभावना है।