नगर निकाय चुनाव ड्यूटी 2013 के दौरान अचानक मृत्यु हो जाने के बाद से रामनगर निवासी प्राथमिक स्कूल में शिक्षक स्व. जगदीश चन्द्र की पत्नी मुआवजे के लिए दर-दर भटक रही है, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
दरअसल 2013 में निकाय चुनाव संपन्न हुए। इस चुनाव में रामनगर निवासी प्राथमिक विद्यालय पारकोट में तैनात शिक्षक जगदीश चन्द्र की ड्यूटी लगी थी। दुर्भाग्यवश 28 अप्रैल 2013 को नगर निकाय चुनाव ड्यूटी के दौरान भवाली में उनकी मृत्यु हो गई।
स्व. जगदीश चन्द्र की पत्नी पूजा देवी बताती हैं कि मेरे पति को पहले से कोई भी शारीरिक परेशानी या स्वास्थ्य की समस्या नहीं थी, लेकिन चुनाव ड्यूटी के दौरान उनकी मौत हो गई। मैंने तब शासन से मुआवजे के लिए कार्यवाही की मांग की थी, लेकिन आज पांच साल बीत गए हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला। इससे मुझे और मेरे छोटे बच्चों को भारी आर्थिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
हेमंत गोनिया की आरटीआई पर राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव रोशन लाल ने सचिव शहरी विकास विभाग उत्तराखंड को पत्र लिखा था कि मृतक कार्मिक की आश्रित पूजा देवी को 10 लाख रुपए दिया जाए, लेकिन आज काफी साल बीत चुके हैं, लेकिन उन्हें मुआवजा नहीं मिल रहा है। यह सरकारी तंत्र की घोर उदासीनता और लापरवाही को दर्शाता है।
अब देखना यह होगा कि पूजा देवी को उक्त मुआवजा कब तक मिल पाता है।