आज भी 19वीं सदी का किराया दे रहे श्री दरबार साहिब के किराएदार
क्या आप यकीन करेंगे कि देहरादून जैसे महंगे शहर में लोग महज तीन सौ रुपए के किराये में दुकानें, पेट्रोल पंप व अन्य व्यावसायिक संस्थान चला सकते हैं। यह सुनकर आप अवश्य आश्चर्यचकित हो गए होंगे, लेकिन यह हकीकत है। यहां दरबार साहिब ने आजादी के समय से लोगों को मामूली किराये पर जीविकोपार्जन हेतु किराये पर जगह दी थी, लेकिन उनका किराया आज भी वही पुराना है, जबकि उन जगहों पर वर्तमान में कई व्यावसायिक संस्थान चल रहे हैं।
1947 में भारत विभाजन में बड़ी संख्या में शरणार्थी पाकिस्तान पंजाब क्षेत्र से देहरादून श्री गुरु राम राय दरबार साहिब की शरण में आ गए थे। तत्कालीन श्री गुरु राम राय दरबार साहिब की गद्दी नशीन श्री महंत लक्ष्मण दास जी महाराज ने उनको प्रश्रय व आश्रय दिया और श्री दरबार साहिब की आस पास उनकी रोजी-रोटी के लिए दुकानें निर्मित की। उनको हुक्म दिया कि अपनी आय का दसवां हिस्सा श्री दरबार साहिब में भेंट चढ़ा कर अन्य गरीबों का भला करें, ताकि वह फले फूलें व समाज में चारों तरफ खुशहाली संपन्नता और खुशी आए, लेकिन धीरे-धीरे लालच हावी होता गया।
ब्रह्मलीन श्री महंत इंद्रेश चरण दास जी महाराज ने किराएदारी की रसीदें काटने शुरू की, ताकि रिकॉर्ड में सब चीजें आ जाएंगी। यह व्यवस्था अभी भी जारी है। पिछले कई समय से श्री दरबार साहिब में आस्था रखने वाले व्यापारियों ने श्री दरबार साहिब में शिकायत की कि कई दुकानदारों ने दुकानें आगे बेचकर लाखों रुपए कमाए हैं और श्री दरबार साहिब में 200-300 रुपए की किराएदार की रसीद काटकर 30-40 हजार रुपए महीना कमा रहे हैं और मनगढ़ंत अफवाह फैला रहे हैं कि उनसे 100 प्रतिशत किराया वृद्धि ली जा रही है। उन किरायेदारों की आय व जब उन्हें दुकानें दी गई थी, क्या वे ये शर्तें पूरी कर रहे हैं?
श्री दरबार साहिब किराए प्रबंधन कमेटी ने शिकायत पर गहन जांच-पड़ताल की। जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अधिकांश शिकायत सही पाई गई। प्रबंधन कमेटी ने निर्णय लिया कि किराया वर्तमान मार्केट दर पर नियत किया जाए, क्योंकि सालों से किराया नहीं हुई।
इधर नगर निगम व सरकार द्वारा भवन व दुकान कर में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई और श्री दरबार साहिब पर किराए की आय से अधिक संपत्ति कर का भार पड़ गया। श्री दरबार साहिब को अपनी रखरखाव, मरम्मत व कर्मचारियों के वेतन व अन्य सुविधाओं को जुटाने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा।
इस बात को ध्यान में रखते हुए श्री दरबार साहिब प्रबंधन कमेटी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया की इस व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए यह अति आवश्यक है कि वर्तमान समय व परिस्थितियों को देखते हुए कार्य योजना बनाकर वह अमल में लाई जाए।
अब श्री दरबार साहिब ने अपनी संपत्ति से नाजायज फायदा उठाने वालों के विरुद्ध कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। कानून का सहारा लेकर कार्यवाही भी शुरू कर दी गई है। मामूली किराया देकर पेट्रोल पंप व कई बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान खड़े करने वालों को सबसे पहले जायज किराया देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। बातचीत जारी है। अधिकांश व्यापारी भाई इसे बात को वर्तमान परिस्थितियों के हिसाब से समझ रहे हैं, लेकिन कुछ लालची व्यापारियों को यह व्यवस्था रास नहीं आ रही है।
ऐसे लोग भोले-भाले दुकानदारों को भड़का रहे हैं, जबकि श्री दरबार साहिब प्रबंधन कमेटी का कहना है कि एक बार बेस मजबूत, पारदर्शी व्यवस्था कायम हो जाएगी, जिसको निरंतर समर्थन मिल रहा है। सबलेट करने वाले व्यापारी कार्यवाही से बचने के लिए गुमराह व वातावरण खराब कर रहे हैं। छोटे व कम आय वाले व्यापारियों के लिए श्री दरबार साहिब ने आश्वासन दिया है कि किराया रजामंदी से बढ़ाया जाएगा व उनकी भरपूर मदद की जाएगी, ताकि उनकी आमदनी बढ़े व जनकल्याण के कार्यो में वह खुलकर योगदान दे सकें।