आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर शुरू हुई उत्तराखंड कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा आपसी गुटबाजी के चलते कांग्रेसी दिग्गजों की अपने-अपने जनाधार को मजबूत और सियासी वजूद को बरकरार रखने की यात्रा बनकर ना रह जाए ! अभी से ऐसी चर्चाएं हवा में तैरने लगी है कि इस यात्रा के माध्यम से अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अगली पीढ़ी को स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।
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संसदीय सीटवार शुरू की गई इस परिवर्तन यात्रा का प्रथम चरण टिहरी संसदीय सीट से शुरू किया गया है। यह यात्रा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के गढ़ से शुरू की गई और 24 जनवरी को इसका समापन ऋषिकेश मुनिकीरेती में होगा। इस यात्रा का मुख्य आकर्षण कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह रहे। अभिषेक हाल में विदेश के मोटे पैकेज की नौकरी छोड़ कर राजनीति में उतरे हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें कंधों पर बिठाकर बाजेगाजों के साथ खूब जोरदार स्वागत किया और नारे भी लगाए कि “हमारा नेता कैसा हो अभिषेक सिंह जैसा हो।”
इससे इस बात कि कयास शुरू हो गए हैं कि प्रीतम सिंह खुद टिहरी संसदीय सीट से लोकसभा की दावेदारी कर सकते हैं और यदि वह जीत गए तो उनके पुत्र अभिषेक को उपचुनाव में प्रीतम सिंह की जगह चुनाव लड़ाया जा सकता है। हालांकि इस यात्रा में मातबर सिंह कंडारी और किशोर उपाध्याय भी रहे लेकिन मुख्य तौर पर प्रीतम सिंह के साथ इंदिरा हृदयेश खड़ी रही।
परिवर्तन यात्रा का दूसरा चरण नैनीताल संसदीय सीट की खटीमा से शुरू किया जाएगा और इसका नेतृत्व इंदिरा हृदयेश के हाथों में रहेगा।
जाहिर है कि नैनीताल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए इंदिरा हृदयेश की भी दावेदारी है और समीकरण यह है कि यदि वह जीत जाती है तो इस सीट पर उनके पुत्र सुमित हृदयेश को विधान सभा का उप चुनाव लड़ाया जाएगा। हालांकि उनके पुत्र की हाल ही में हुए मेयर के चुनाव में करारी शिकस्त हुई है। परिवर्तन यात्रा का दूसरा चरण 29 जनवरी से शुरू होगा। गुटबाजी में फंसी कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर भाजपा की चुनावी रणनीति कारों की भी नजर है। भाजपा का फोकस ऐसे इलाकों पर मेहनत करने पर रहेगा, जहां पर कांग्रेस का जोरदार स्वागत परिवर्तन यात्रा के दौरान किया जा रहा है। इंदिरा हृदयेश तथा प्रीतम सिंह की साझेदारी के कारण कांग्रेस के बागी दिग्गज इन पर अपना प्रभाव नहीं बना पा रहे हैं।