कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के किच्छा में एक बाबा की झोपड़ी में लगी आग के बाद, पुलिस द्वारा मृत घोषित करने के बाद, उसे अपने को जिन्दा साबित करने के लिए अखबार लेकर सड़क पर घूमना पड़ा।
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आज दोपहर किच्छा बाजार में तब अफरा तफरी मच गई जब एक 60 वर्षीय बाबा सड़क पर चिल्लाता हुआ जा रहा था । बाबा कह रहा था कि वो तो जिंदा है जाबकी पुलिस और अखबार ने उसे जीते जी मृत घोषित कर दिया है । बाबा हाथ में एक प्रमुख दैनिक अखबार की कटिंग लेकर चल रहा था।
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बाबा सीधे कोतवाली पहुंचा और अपने जिंदा होने का प्रत्यक्ष प्रमाण देने लगा । पिछले दिनों अखबार में एक खबर छपी थी जिसमें कहा गया था कि पिपलिया मोड़ के समीप झोपड़ी में आग लगने से वहां दो वर्षों से रह रहे बाबा उमाशंकर की जलकर दर्दनाक मौत हो गई । कहा गया था कि बाबा संभवतः बिजली का काम कर रहे थे जब आग लगी होगी और आग में जलकर अकेले रहने वाले बाबा की मौत हो गई होगी । कलकत्ता फार्म पुलिस चौकी प्रभारी ने भी बिना पुख्ता जांच करे अखबार को बाबा की मौत का बयान दे दिया और उसका पोस्ट मार्टम तक करा दिया । इतना ही नहीं चौकी इंचार्ज ने यह तक कह दिया था कि बाबा का निकट संबंधी नहीं होने के कारण शव को ग्रामीणों को सौंप दिया जाएगा । बाबा अपना आधार कार्ड भी साथ लेकर पहुंचा था ।
अब बाबा के प्रत्यक्ष रूप से सामने आने के बाद पुलिस की लचर और लापरवाह कार्यशैली पर गम्भीर सवाल खड़े हो रहे हैं । पुलिस के लिए अब ये बड़ी चुनौती बन गया है कि उस सख्श का पता करे कि जिसका उन्होंने पोस्ट मोर्टेम कराया वो कौन था ?