आपदा घोटाले का जिन्न पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पार्टी बदलने पर भी नहीं छोड़ रहा। जाने अनजाने भाजपा के कद्दावर नेताओं ने बहुगुणा को किया असहज
पर्वतजन ब्यूरो
राज्य में चुनाव संपन्न हो गए, किंतु पूरे पांच साल तक कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने वाली भाजपा ऐन चुनाव के मौके पर इस मुद्दे को वोट में बदलने को असफल रही। नतीजा यह हुआ कि भाजपा के समूचे प्रचार अभियान पर हरीश रावत का इमोशनल अत्याचार भारी पड़ गया। यदि आखिरी चार-पांच दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ताबड़तोड़ रैलियां न करते तो भाजपा की स्थिति दयनीय हो सकती थी। भाजपा की तमाम रैलियों में जनता को संबोधित करने वाले कई दिग्गजों ने अपने भाषणों में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कार्यकाल में हुए आपदा घोटाले को ही निशाने पर ले लिया तो भाजपा के प्रादेशिक नेतृत्व को बैकफुट पर आना पड़ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह और चुनाव प्रभारी श्याम जाजू भी अपनी धुन में भाषण देते-देते आपदा घोटाले के दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कह गए तो उनके भाषणों का भी लगभग वैसा ही मजाक उड़ा, जैसा राहुल गांधी की जनसभाएं मनोरंजन का मसाला बन जाती हैं। कई स्तरों पर यह सवाल भी उठे कि आखिर इन दिग्गज नेताओं को यह मसला उठाने का फीडबैक किसने दिया। हालांकि यह भी हो सकता है कि ये दिग्गज उत्तराखंड में हुए इस घोटाले की वास्तुस्थिति और कार्यकाल से संबंधित हकीकतों से अंजान रहे हों।
बहरहाल, जो भी कारण रहे हों, इन बयानों ने भाजपा को काफी असहज किया। जून २०१३ में आई आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्यों के नाम पर हुए करोड़ों रुपए के घोटालों के कारण विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री का पद गंवाना पड़ा
था। फरवरी २०१४ में मुख्यमंत्री बने हरीश रावत ने भी भरसक इस मसले को दबाने की कोशिश की, किंतु भाजपा ने विजय बहुगुणा के खिलाफ एक तरह से पूरा अभियान छेड़ दिया था। भाजपा जून २०१३ के बाद से ही इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस को घेरती रही थी, किंतु मार्च २०१६ में विजय बहुगुणा समेत ९ कांग्रेसी विधायकों के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद भाजपा ने इस मसले को लेकर चुप्पी साध ली।
भाजपा न सिर्फ आपदा के मामले को लेकर खामोश हो गई, बल्कि पॉलीहाउस, उद्यान, सिंचाई आदि तमाम घोटालों को लेकर भी भाजपा ने अपनी होठ बंद कर दिए। इन सभी घोटालों को लेकर भाजपा कांग्रेस को सड़क और सदन में घेरती रही थी, किंतु इनसे संबंधित मंत्री-विधायकों के भाजपा में सम्मिलित हो जाने के बाद भाजपा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर अपने हथियार डाल दिए।
देहरादून में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर आपदा में हुए घोटालों को लेकर निशाना साधा तो मंच पर आगे की पंक्ति में ही बैठे विजय बहुगुणा माथे का पसीना साफ करने लगे थे। चुनावी मौसम में इस चूक का कांग्रेस ने भरपूर फायदा उठाया और उल्टे भाजपा पर आक्रामक हो गई।
भाजपा अभी मोदी के बयानों के चोट से उबर भी नहीं पाई थी कि हरिद्वार की एक रैली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस को घेरने के चक्कर में फिर से विजय बहुगुणा की दुखती रग पर हाथ रख दिया। राजनाथ सिंह ने कांग्रेस को कोसते हुए कहा कि आपदा के दौरान १९४ लीटर दूध बेचा गया। राजनाथ सिंह का यह बयान एक बार फिर से कांग्रेस के बागियों के साथ ही भाजपा को भी बैकफुट पर ले आया।
इससे कुछ दिन पहले ही ऋषिकेश में भाजपा के उम्मीदवार प्रेमचंद्र अग्रवाल की एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू भी आपदा घोटाले का जिक्र कर बैठे। इससे कुछ महीने पहले श्याम जाजू ने बाकायदा मीडिया में कहा था कि भाजपा आपदा घोटाले के दोषियों को बख्शेगी नहीं।
भाजपा के इन कद्दावर नेताओं ने आपदा घोटाले को लेकर एक ओर बेखयाली में ऐसे बयान दिए तो दूसरी ओर विजय बहुगुणा से लेकर अन्य सं
बंधित नेताओं को मंच पर ही बगलगीर भी रखा। इससे चुनाव रैली में इन नेताओं के भाषण सुनने के लिए आई जनता भौचक रह गई और इन चुनावी रैलियों से मिलने वाला फायदा काफी कम हो गया। हालांकि विजय बहुगुणा ने असहज होकर पलटवार भी किया। विजय बहुगुणा ने चुनौती दी कि आपदा घोटाले को लेकर तत्कालीन मुख्य सचिव एन. रविशंकर की अध्यक्षता में जो जांच कमेटी बनी थी, उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। विजय बहुगुणा ने अपने जवाब में यह भी कहा कि जिन भी अधिकारियों ने यह आपदा घोटाला किया है, उनके खिलाफ कार्यवाही करने का काम राज्य सरकार का है। यदि मुख्यमंत्री हरीश रावत को लगता है कि आपदा राहत में घोटाला हुआ है तो कार्यवाही क्यों नहीं करते?
हरीश रावत ने विजय बहुगुणा के जवाब में आपदा राहत घोटाले की न्यायिक जांच कराने का दांव चल दिया। इसी दौरान भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने सूचना के अधिकार में प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर यह दावा किया कि राज्य सरकार ने आपदा राहत के धन से क्रिकेटर विराट कोहली को ४७ लाख रुपए दिए हैं। भाजपा को इस मुद्दे पर हरीश रावत को घेरने का मौका मिल गया। इससे पहले भाजपा जय केदारा नामक सीरियल बनाने के लिए कैलाश खैर को १२ करोड़ रुपए दिए जाने के मुद्दे पर हरीश रावत की घेराबंदी कर चुकी थी। आपदा घोटाले को लेकर हरीश रावत तथा पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा दोनों के कार्यकाल पर सवालिया निशान खड़े होने से भाजपा ने भले ही फौरी राहत महसूस की हो, किंतु विजय बहुगुणा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के चलते फिलहाल राहत मिलती नजर नहीं आ रही।
”ऐसा सुना होगा कि आदमी पैसे खाता है, मार लेता है, पर उत्तराखंड में तो स्कूटर ही पैसा खा जाता है। 5 लीटर की टंकी में ३५ लीटर तेल डाला गया।”
– नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
”आपदा के दौरान १९४ रुपए लीटर दूध बेचा गया। डूबते जहाज से कौन यात्री सुरक्षित जगह नहीं पहुुंचना चाहता। उनके लिए भाजपा से सुरक्षित ठिकाना और कहां हो सकता है। वे आ गए हैं तो क्या उन्हें ठेलकर नीचे फेंकें!”
– राजनाथ सिंह, गृह मंत्री
”सबको पता है कि साल २०१३ में आई आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्य में घोटाला हुआ था। सूचना आयोग ने भी हाल ही में इसकी पुष्टि की थी कि राहत बचाव कार्य के दौरान बड़ी तादाद में गबन हुआ था।”
– श्याम जाजू,
प्रदेश प्रभारी भाजपा