जगदंबा कोठारी
पिछले 36 दिनों से एम्स के निष्कासित कर्मचारियों के धरने के 36वें दिन आज प्रशासन द्वारा आमरण अनशन पर बैठे साधना नौटियाल एवं कंचन राजपूत को जबरन उठा लिया गया प्रशासन को कर्मचारियों का भारी आक्रोश और विरोध झेलना पड़ा।
यहां बता दें कि लगभग 6 माह पहले एम्स प्रशासन ने आउटसोर्सिंंग के माध्यम से लगे लगभग 700 स्थानीय युवाओं को बाहर कर बेरोजगार कर दिया था, जिसके बाद पिछले 36 दिनों से यह निष्कासित युवा एम्स के बाहर पुर्ननियुक्ति के लिए धरना दे रहे हं और आज पुलिस द्वारा दो महिला आन्दोलन कारियों को जबरन धरना स्थल से उठा दिया गया, जिससे सभी आन्दोलन कारियों मे आक्रोश है।
लंबी जद्दोजहद के बाद भारी पुलिस बल की उपस्थिति में प्रशासन द्वारा बलपूर्वक आमरण अनशन कारियों को राजकीय हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
आमरण अनशन पर अब पूनम सैनी एवं शिवानी कपरुवान बैठ गई हैं। आंदोलन कर्मचारी एंबुलेंस के आगे लेट गए और प्रशासन को कहा कि “जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाती, हम किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।एम्स प्रशासन की तानाशाही और हमारे भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि जल्द से जल्द हमारी बहाली नहीं होती किसी भी अप्रिय घटना की समस्त जिम्मेदारी एम्स प्रशासन एवं निदेशक की होगी।”
क्रमिक अनशन में बैठने वाले दीपक रयाल, अमित बलोनी, मनोज बिष्ट, पापिन कुमार, शिवानी, विकास रावत, ममता रानी, अजित गैरोला व करमचंद गुसाईं रहे। उपस्थित में अरविंद हटवाल बेरोजगार संघ मुख्य सलाहकार नवीन शर्मा , त्रिलोक नाथ तिवारी प्रदेश संगठन सचिव इंटक जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा उत्तराखंड आंदोलनकारी संघर्ष समिति अध्यक्ष डी एस गुसाईं प्रदेशमहामंत्री डॉ आशुतोष डंगवाल विक्रम भंडारी सलाहकार कुलदीप ममगाई एडवोकेट विवेक भंडारी, आकाश, दीपक डबराल, सुरेंद्र जोशी, सुनील खंडूरी, गोवर्धन बलोनी, गीताराम उनियाल, प्रतिभा, सरवेश्वरी, पंकज सिंह चौहान, पूजा कठैत, दाताराम ममगाई, ललित कुमार, दयाराम सैनी, मनीषा समेत सभी आन्दोलनकारी शामिल थे।