कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड में किच्छा के पंजाबी समाज ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को एक दिलचस्प पत्र लिखकर कहा है कि जब जब वो किच्छा से चुनाव लड़े हैं, कांग्रेसी विचार के पंजाबियों को पिटना पड़ा है। किच्छा में विधायक के कथित गुर्गों से पिटे, अपने चोटिल समर्थक से मिलने पहुंचे हरीश रावत से पंजाबी समाज के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की।
किच्छा में चोटिल बंटी पपनेजा के घर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से लोकसभा प्रत्याशी हरीश रावत को पंजाबी समाज के लोगों ने एक ‘मार्मिक’ पत्र देकर असमंजस में डाल दिया है।
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हरीश रावत के नाम संबोधित पत्र में लिखा है कि आप जब जब चुनाव लड़े तब तब पंजाबियों पर अत्याचार हुए। पहले जब आप विधानसभा चुनाव लड़े थे तो कांग्रेसी विचारधारा के पंजाबियों के साथ अभद्रता हुई। आप लोकसभा का चुनाव लड़े तो भी विधायक अपने गुण्डों के साथ हमें दबाने पहुंच गया । इसका ताजा उदाहरण बंटी पपनेजा है जिसे केवल पंजाबी होने के कारण ये सजा मिली है।
पत्र में आगे चार घटनाओं का जिक्र किया है जिसमे, हरीश रावत के विधानसभा चुनाव लड़ने के दौरान राजेश शुक्ला अपने गुंडों के साथ एक पंजाबी परिवार के घर पहुंचे और दबाव बनाने के लिए उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे । इसके बाद कुछ पंजाबी अपनी समस्या लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिलने गए तो वहां भी विधायक और उनके गुण्डों ने इनपर प्राणघातक हमला कर दिया । इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और ब्लॉक प्रमुख दलजीत सिंह को पंजाबी होने के कारण कई बार प्रताड़ित और अपमानित किया गया है। ये सिलसिला यहीं नहीं रुका, बल्कि बीते रोज आपका समर्थन कर रहे बंटी पपनेजा को सिर्फ इसलिए मारा गया क्योंकि उन्होंने मतदान के रोज विधायक के बूथ पर असंवैधानिक तरीके से प्रवेश पर सवाल खड़े किए थे । अंत में लिखा गया है कि हम सभी को विधायक और उनके गुण्डों से बचाया जाए और हमें न्याय दिलाया जाए।
पंजाबियों के इस पत्र से दो बातें साफ जाहिर होती हैं। पहला तो उधम सिंह नगर जिला पुलिस का न्याय व्यवस्था बनाने में कोई योगदान ही नहीं है और दूसरा की पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने पंजाबी समर्थकों को उत्तराखण्ड में सुरक्षा देने में असमर्थ हैं।