कमल जगाती, नैनीताल
चार धाम मार्ग में हैलीपैड बनाने की अनुमति उच्च न्यायालय से मिलने के बाद राज्य सरकार को आज बड़ी राहत मिल गई है। बीस की जगह अब चौबीस हैलीपैडों की टेंडर प्रक्रिया खुलने का रास्ता साफ हो गया है।
मामले के अनुसार फरवरी 2019 में कुल 20 हैलीपेड चलाने के लिए टेंडर हुए थे। बाद में 16 और 22 फरवरी को चार नए हैलीपैड जोड़ते हुए टेंडर किये गए।
इस टेंडर प्रोसेस को देहरादून बेस्ड आर.डी.ग्रुप ने चुनौती दी। आर.डी.ग्रुप ने यूनियन ऑफ इंडिया/स्टेट ऑफ उत्तराखण्ड सिविल एविएशन अथॉरिटी/हैलीड्रोम सहस्त्रधारा/डी.एम.रुद्रप्रयाग/एस.डी.एम.उखीमठ/सोना एविएशन उखीमठ/देव दर्शन हैलीपेड उखीमठ/तूरिया हैलीपेड उखीमठ/पंच केदार उखीमठ और उत्तराखण्ड सिविल एविएशन देहरादून को पार्टी बनाया।
याचिकाकर्ता ने न्यायालय से कहा था कि चार धाम क्षेत्र में चार अवैध हैलीपेड बनाए गए हैं। हैलीपैडों की संख्या 20 से बढ़ाकर 24 कर दी गई है। न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान इंटरिम रोक को अगली सुनवाई तक बड़ा दिया था जिससे टेंडर प्रक्रिया प्रभावित हुई थी।
एकलपीठ ने 28 मार्च को टेंडर प्रोसेस को स्टे कर दिया था। इस आदेश के बाद युकाढा, सरकार व चार अन्य ने अपना जवाब दाखिल किया। युकाडा के अधिवक्ता ने न्यायालय से कहा कि आर.डी.ग्रुप को इस याचिका का अधिकार ही नहीं है। ये बिड नॉन सिड्यूल ऑपरेटर परमिट होल्डर के लिए की गई थी, इसलिए ये याचिकाकर्ता अधिकृत नहीं है। सरकार ने एकलपीठ से कहा की आल वैदर रोड बन रही है, जिससे कई हैलीपैड प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए नए हैलीपैड को बिड में शामिल करने की जरूरत है।
न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एकलपीठ ने आज मामले को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया है । न्यायालय के इस आदेश के बाद टेंडर प्रक्रिया का रास्ता खुल गया है।