उत्तराखंड का शिक्षा महकमा अपने अजब-गजब फरमानों के लिए पहचाना जाता है। इस बार यह महकमा हरिद्वार के उप शिक्षा अधिकारी के एक ऐसे अजीबोगरीब फरमान से चर्चा में आया है, जो छुट्टी काट रहे शिक्षकों को के लिए सिरदर्द बन रहा है।
जी हां हम बात कर रहे हैं बृजपाल सिंह राठौर उप शिक्षा अधिकारी(प्रारंभिक शिक्षा) रुड़की हरिद्वार की। उप शिक्षा अधिकारी ने २४ मई को एक अपील जारी कर ग्रीष्मकालीन अवकाश की शुभकामनाएं देते हुए विकासखंड रुड़की, हरिद्वार के समस्तशिक्षकों/शिक्षिकाओं को अनुरोध किया है कि अवकाश का उपयोग इस प्रकार से किया जाए कि आपके ज्ञान में वृद्धि हो। अवकाश के दौरान आपके द्वारा कोई ऐसा कृत्य न किया जाए, जिससे विभाग की छवि धूमिल हो व कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन हो।
राठौर ने निर्देश देते हुए कहा है कि ग्रीष्म अवकाश के दौरान अद्योहस्ताक्षरी की बिना अनुमति के कोई भी शिक्षक एवं शिक्षिका मुख्यालय छोड़कर बाहर न जाएं। अवकाश के दिनों में समय-समय पर विद्यालय आकर फूल व सब्जियों में पानी डालें एवं देखभाल करें।
कुल मिलाकर दूरदराज क्षेत्रों में नौकरी कर रहे शिक्षकगण सालभर इस इंतजार में रहते हैं गर्मियों की छुट्यिों में वह अपना घरेलू कामकाज निपटा सकते हैं या फिर परिवार के साथ छुट्टियां बिताई जा सकती है, लेकिन उप शिक्षा अधिकारी महोदय ने उन्हें अबकी छुट्टियों में ऐसा फरमान दे डाला कि उनकी छुट्टी में खलल पड़ गया है।
अब देखना यह होगा कि उक्त आदेश का क्या तोड़ निकाला जाता है!