विनोद कोठियाल, देहरादून
उत्तराखंड सरकार की युवाओं के लिए बनाई गयी महत्वपूर्ण नीति, “मुख्यमंत्री उत्तराखंड युवा पेशेवर नीति 2019” का प्रारंभ।
उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रदेश की युवाओं को रोजगार के लिए मजबूत करने हेतु विभिन्न क्षेत्रों में दक्ष युवाओं और पेशेवर युवाओं के कौशल का लाभ विभाग की कार्यक्षमता को बढ़ाने और तकनीकी रूप से विभागों को मजबूत करने के लिए युवा पेशेवर नीति 2019 को 22 फरवरी 2019 को राज्यपाल द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई थी। अब इस पर जल्दी ही कार्यवाही तेज की जा सकती है।
नीति के अंतर्गत युवा पेशेवर की नई दृष्टिकोण/ कौशल के सहयोग से अलग-अलग विभागों की कार्यक्षमता बढ़ाने और तकनीकी रूप से विभागों को मजबूत करने के लिए युवा पेशेवरों को विभागों में रखा जाना है। यह अल्प समय के लिए ही पेशेवरों को या दक्ष युवाओं को रखा जाना है, जिसकी समय सीमा अधिकतम 11 माह है।
नीति के अनुसार कार्य के दौरान रखे गये दक्ष युवाओं को सरकार द्वारा ₹15000 मानदेय निर्धारित किया गया है, जो कि विभाग द्वारा हर माह की 15 तारीख से पहले भुगतान किया जाएगा। यदि नीति के अंतर्गत रखे गए युवाओं को विभाग द्वारा विभागीय कार्यों हेतु किसी अन्य स्थल पर भेजा जाता है तो इसके एवज मे टीए, डीए दिए जाने का भी प्रावधान है जो कि संबंधित विभाग द्वारा भुगतान किया जाएगा। नीति के अंतर्गत युवाओं को रोजगार दिया जाना संभव नहीं होगा परंतु अपने अपने क्षेत्रों में एक्सपर्ट युवाओं के ज्ञान का लाभ विभाग को अवश्य मिलेगा और वहीं 11 माह तक युवाओं को रोजगार भी मिलना संभव हो पाएगा।
नीति के मुख्य उद्देश्य।
1 युवा पेशेवरों को विभागीय कार्य एवं नीतियों तथा कार्य प्रणाली का व्यावहारिक ज्ञान।
2 युवा पेशेवरों को तकनीकी ज्ञान/ प्रबंध कौशल से सशक्त करना तथा उसमें निखार लाना।
3 युवा पेशेवरों के माध्यम से रोजगार प्राप्त करने से पूर्व पेशेवरों का क्षमता वर्धन।
4 मानव संसाधन का पेशेवर उपयोग।
5 विभागीय कार्यों में नए दृष्टिकोण/ कौशल का समावेश।
6 विभागों के अंतर्गत प्रोजेक्ट ऑब्लिक नीति तैयार करने की कार्यों में सहयोग।
7 युवा पेशेवरों के माध्यम से युवा पेशेवरों तथा सेवा प्रदाता के मध्य सेतु के रूप में कार्य करना।
योग्यता एवं मानदंड
नीति के अंतर्गत पेशेवर कार्यक्रम के अधीन आवेदकों को निम्नलिखित मानदंड निर्धारित किए गए हैं।
1 भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय /पब्लिक संस्थान से स्नातक उपाधि धारक हो।
2 युवा पेशेवर की आयु 20 से 30 वर्ष के मध्य हो।
3 संबंधित क्षेत्र / कार्य में कम से कम 1 वर्ष का अनुभव हो।
4 युवा पेशेवर को हिंदी, अंग्रेजी, कंप्यूटर का सामान्य ज्ञान आवश्यक होगा।
आवेदन एव चयन प्रक्रिया
सभी सरकारी विभागों की वेबसाइट और समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाएगी।
चयन के लिए विभागों द्वारा साक्षात्कार लिया जायेगा, उसी आधार पर चयन होगा।
प्रत्येक विभाग में कार्य संरचना के आधार पर अधिकतम दो पेशेवरों को एक वर्ष के लिए रख सकता है। विषेश परिस्थिति मे दो से अधिक रखने पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमिटी द्वारा एक वर्ष के लिए एक अतिरिक्त पेशेवर को रखा जा सकता है। कमिटी मे मुख्य सचिव अध्यक्ष,सचिव नियोजन सदस्य सचिव,वित्त सचिव, विभागीय सचिव व विभागाध्यक्ष सदस्य होंगे।युवा पेशेवरों को विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करेंगे।
युवाओं के लिए उत्तराखंड सरकार की यह नीति कितनी कारगर साबित होगी यह तो भविष्य के गर्त में है परन्तु यदि इस नीति के तहत विभागों को सही मे पेशेवर युवा मिलते हैं तो यह विभाग के लिए जरूर फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि ज्यादातर विभागों में पुराने लोग नयी टैक्नोलॉजी का ठीक से प्रयोग नहीं कर पाते हैं ऐसे में विभागों को कम वेतन मे टैक्नोफ्रैन्ड लोग मिलते हैं तो जरूर विभागों को फायदा मिलेगा।