कुलदीप एस राणा
भारतीय चिकित्सा परिषद एवं शासन के बीच झूल रही आयुर्वेद पैरामेडिकल कालेज खोले जाने के प्रकरण को आखिरकार पूर्ण विराम लग ही गया, लगभग 6 माह से भी अधिक समय से अनुमति के लिए शासन में पड़ी उक्त फ़ाइल पर शुक्रवार देर शाम जारी आदेश में सचिव आयुष आर के सुधांशू ने कालेज के संचालन को औचित्यहीन मानते हुए अनुमति प्रदान करने से मना कर दिया।
उक्त आदेश के जारी होने से भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा कालेज में दाखिले को लेकर शुरू की गई प्रक्रिया भी सवालों के घेरे में आ गयी है कि बिना शासन की पूर्व अनुमति के कैसे उस कालेज हेतु दाखिला प्रक्रिया शुरू की जा सकती है जो अभी अस्तित्व में आया ही नही है।
इस प्रकार की कार्यशैली से भारतीय चिकित्सा परिषद सवालों के घेरे में आ गयी है।साथ ही उन सभी छात्रों का भविष्य भी अधर में लटक गया है जिन्होंने उक्त पैरामेडिकल कालेज में दाखिले हेतु शुल्क तक जमा करवा लिया था।