जनपद टिहरी की चर्चित सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर भर्ती मे अभी तक न्यायालय के आदेश पर नहीं लिया संज्ञान
टिहरी जनपद में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आरएनटीसीपी के अंतर्गत हुई सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर भर्ती मामले में अनियमितता की शिकायत अभ्यर्थियों द्वारा की गई थी आरोप था कि अधिक योग्यता रखने वाले अभ्यार्थियों को दरकिनार कर दिया गया था।
संशोधित राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत अगस्त 2017 में सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर के 4 पदों संविदा के तहत विज्ञप्ति जारी की गई थी।
जब इस भर्ती में अनियमितता की शिकायत कुछ अभ्यर्थियों ने उस समय की तत्कालीन जिलाधिकारी सोनिका से की थी तो जिलाधिकारी ने इस पर संज्ञान लेते हुए 8 /12/ 2017 को मुख्य विकास अधिकारी टिहरी गढ़वाल को जांच अधिकारी नामित किया गया था तथा जांच करने में 95 दिन का समय व्यतीत हुआ और उक्त भर्ती प्रक्रिया मुख्य विकास अधिकारी टिहरी गढ़वाल की जांच आख्या के आधार पर निरस्त की गई है।
जिसे तत्कालीन जिलाधिकारी सोनिका द्वारा सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर के पदों पर हुई त्रुटि के कारण जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल के आदेश संख्या – 811/27-4 दिनांक 08 मई 2018 के अधीन भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किया गया!
जांच आदेश में अवगत कराया गया है कि कंप्यूटर नोट्स के अनुसार उपरोक्तानुसार चयन समिति थी किंतु नोटशीट पर पृथक से समिति में फिजिशियन (केवल डाइटिशियन पद हेतु) के साथ पृथक से सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर टीबी अंकित किया गया है, जिस पर किसी सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है।
जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी टिहरी गढ़वाल को समिति से हटाए जाने का अनुमोदन प्राप्त नहीं किया गया है। सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना ही अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं सूचना विज्ञान अधिकारी टिहरी गढ़वाल को चयन समिति से बाहर रखा गया है, जबकि पूर्व में उक्त अधिकारी समिति में रखने हेतु अनुमोदित किए गए थे उक्तनुसार प्रक्रियात्मक त्रुटि की गई है।
भर्ती प्रक्रिया निरस्त होने के बाद चयनित 4 सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर माननीय उच्च न्यायालय से स्टे ऑर्डर ले आए थे।
स्टे के आधार पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्तर से उक्त सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर कर्मचारी का नवीनीकरण बिना जिलाधिकारी के अनुमोदन से किया गया तथा 20/11/2018 में अवगत कराया गया कि स्टे ऑर्डर अग्रिम सुनवाई तक मान्य होगा जबकि माननीय उच्च न्यायालय ने अपना अंतिम आदेश 1 अप्रैल 2019 को दे दिया परंतु अब चयनित 4 सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर किस आधार पर कार्य कर रहे हैं ! यह अहम सवाल है।
माननीय उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि जिला मजिस्ट्रेट/चयन समिति के अध्यक्ष (सक्षम प्राधिकारी (Competent Authority) को न्याय कराने के लिए आदेश दिया गया है कि उक्त चार सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर का पक्ष सुने और नया आदेश पारित करें लेकिन वर्तमान समय तक कोई कार्यवाही/आदेश पारित नहीं हुआ। अब अभ्यार्थियों के पास एक ही रास्ता है कि पुनः माननीय उच्च न्यायालय में कोर्ट कंटेम्प्ट लगाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।