रुद्रपुर। उत्तराखंड पत्रकार संयुक्त संघर्ष मोर्चा के बैनर तले छोटे व मझौले अखबारों को विज्ञापन आवंटन में मनमानी के खिलाफ पत्रकारों ने अपर जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को 11 सूत्रीय ज्ञापन भेजा।
मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा गया कि विज्ञापन नियमावली 2016 में उल्लेखित किए गए विज्ञापनों में से अमर बलिदानी श्रीदेव सुमन जयंती पर विज्ञापन रोके जाने पर तत्काल खेद जताया जाए तथा भविष्य में ऐसी मनमानी न करने का संकल्प प्रदर्शित किया जाए। पिछले पांच वर्ष से रुकी हुई अखबारों की सूचीबद्धता की कार्यवाही शुरू की जाए तथा जब तक नई नियमावली बन रही है तब तक पुरानी नियमावली के अनुसार ही पिछले चार वर्ष से रोके गए अखबारों को विज्ञापन जारी किए जाएं। वेब मीडिया की सूचीबद्धता के लिए नियमावली के अनुसार हर छह महीने में एक बार एंपैनलमेंट किया जाए। सूचीबद्धता के बाद दी जाने वाली धरोहर राशि की बाध्यता को समाप्त किया जाए। केंद्र सरकार वेब मीडिया पर जीएसटी की दर को कम अथवा खत्म किया जाए। वेब पोर्टल में कार्यरत मीडिया प्रतिनिधियों को भी मान्यता दिलाने के लिए मानक बनाए जाए। उत्तराखंड लोक संपर्क विभाग देहरादून में पत्रकारों के कल्याण योजना तथा पेंशन योजना से संबंधित 43 प्रकरण अभी तक लंबित हैं उनका तत्काल निस्तारण किया जाए। ज्ञापन में कहा गया कि राज्य हर हफ्ते बाजार से करोड़ों रुपये कर्ज उठा रहा है इसलिए मितव्ययिता को ध्यान में रखते हुए अन्य राज्यों की पत्र पत्रिकाओं को विज्ञापन दिया जाना तत्काल प्रभाव से रोका जाए। उत्तराखंड के वेब पोर्टलों को विज्ञापन देने के बजाय सीधे गूगल को विज्ञापन दिए जाने पर तत्काल रोक लगाई जाए।
मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा गया कि विज्ञापन नियमावली 2016 में उल्लेखित किए गए विज्ञापनों में से अमर बलिदानी श्रीदेव सुमन जयंती पर विज्ञापन रोके जाने पर तत्काल खेद जताया जाए तथा भविष्य में ऐसी मनमानी न करने का संकल्प प्रदर्शित किया जाए। पिछले पांच वर्ष से रुकी हुई अखबारों की सूचीबद्धता की कार्यवाही शुरू की जाए तथा जब तक नई नियमावली बन रही है तब तक पुरानी नियमावली के अनुसार ही पिछले चार वर्ष से रोके गए अखबारों को विज्ञापन जारी किए जाएं। वेब मीडिया की सूचीबद्धता के लिए नियमावली के अनुसार हर छह महीने में एक बार एंपैनलमेंट किया जाए। सूचीबद्धता के बाद दी जाने वाली धरोहर राशि की बाध्यता को समाप्त किया जाए। केंद्र सरकार वेब मीडिया पर जीएसटी की दर को कम अथवा खत्म किया जाए। वेब पोर्टल में कार्यरत मीडिया प्रतिनिधियों को भी मान्यता दिलाने के लिए मानक बनाए जाए। उत्तराखंड लोक संपर्क विभाग देहरादून में पत्रकारों के कल्याण योजना तथा पेंशन योजना से संबंधित 43 प्रकरण अभी तक लंबित हैं उनका तत्काल निस्तारण किया जाए। ज्ञापन में कहा गया कि राज्य हर हफ्ते बाजार से करोड़ों रुपये कर्ज उठा रहा है इसलिए मितव्ययिता को ध्यान में रखते हुए अन्य राज्यों की पत्र पत्रिकाओं को विज्ञापन दिया जाना तत्काल प्रभाव से रोका जाए। उत्तराखंड के वेब पोर्टलों को विज्ञापन देने के बजाय सीधे गूगल को विज्ञापन दिए जाने पर तत्काल रोक लगाई जाए।
ज्ञापन देने वालों में प्रेस क्लब के अध्यक्ष केवल बत्रा, राजकुमार फुटेला, परमजीत पम्मी, भरत शाह, अनिल चौहान, फणींद्र नाथ गुप्ता, अजय चड्ढा, विकास कुमार, शुभोधुति मंडल, अशोक कुमार, मनोज आदि शामिल थे।