कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड में पंचायतों का कार्यकाल जुलाई माह में खत्म होने के बाद चुनाव में देरी करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने तीस नवंबर तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने के आदेश दिए है। इन पंचायतों में प्रशासक तो बैठेंगे लेकिन उनकी वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां सीज रहेंगी ।
उत्तराखण्ड में 15 जुलाई को पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद चुनाव नहीं कराए जाने के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई थी। न्यायालय ने राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग से जवाब देने को कहा था। दोनों पक्षकारों ने न्यायालय को बताया कि इस बीच नए एक्ट के आने से चुनाव में देरी हो रही है। उन्हें नए चुनाव कराने के लिए एक सौ बीस(120)यानी चार माह का समय चाहिए।
मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने आगामी 30 नवम्बर तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सम्पन्न कराने के आदेश राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को दे दिए हैं।
न्यायालय ने ये भी कहा है कि इन पंचायतों में प्रशासक की नियुक्ति की जाए, लेकिन तब तक वो कोई प्रशासनिक निर्णय नही लेंगे और इनकी वित्तीय शिक्तयाँ भी सीज रहेंगी।