कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने प्रदेश में संचालित आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा के गिरते स्तर और समय पर दुर्घटना स्थल पर नहीं पहुंचने पर नराजगी व्यक्त करते हुए सरकार से एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को कई अखबारों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि टिहरी के प्रतापनगर में हुए दर्दनाक हादसे में नौ स्कूली बच्चों की मौत हुई थी जहां एम्बुलेंस ढाई घण्टे देर से पहुंची।
आपको बता दें कि देहरादुन निवासी अनु पंत ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था की प्रदेश में नवम्बर 2018 से शुरू हुई 108 सेवा के टैन्डर में काफी अनियमितता हुई हैं, और सरकार ने 108 सेवा का संचालन करने का टैन्डर उस कम्पनी को दिया है जो प्रदेश में शव वाहन चलाने का काम करती थी।
याचिका में कहा गया है की बीते दो माह में ग्यारह 108 एम्बुलैन्स र्दुघटनाग्रस्त हो चुकी हैं क्योंकि उनमें अनुभवी डाईवरो की नियुक्ती नहीं करी गई है । इनमें कार्यरत कर्मचारियों को मात्र तीन दिन का स्वास्थ्य प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया जाता है।
याचिकाकर्ता का ये भी कहना है कि पिछले वर्ष 108 सेवा चलाने वाली कम्पनी के कार्यकाल के दौरान लगभग बारह हजार प्रसव बगैर किसी र्दुघटना के कराए गए थे।
उच्च न्यायालय ने पूर्व में स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमित्ता को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब देने को कहा था। सरकार इस समयावधि में जवाब दाखिल करने में विफल रही, जिसके बाद उसे एक हफ्ते में अनिवार्य रूप से जवाब देने को कहा गया है।