कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता और उसके परिवार के साथ घर में घुसकर मारपीट करने वाले आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ दो दिन में एफ.आई.आर.दर्ज करने को कहा है।
बीती नौ जुलाई को अधिवक्ता के घर में घुसकर उसके और उसके परीवार के साथ मारपीट करने वाले पुलिस वालों के खिलाफ उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर सुनवाई की। न्यायालय ने मामले में सुनवाई करते हुए एस.एस.पी.पौड़ी को निर्देश दिए है कि दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ दो दिन के भीतर एफ.आई.आर.दर्ज करें और उसकी रिपोर्ट अगले सोमवार को कोर्ट में पेश करें। न्यायालय ने पुलिस कप्तान से मामले की जाँच दूसरे थाने से कराने को भी कहा है। अगली सुनवाई की तिथि अगले सोमवार को तय गई की है। आज एस.एस.पी.पौड़ी दलीप सिंह कुंवर, एस.एच.ओ.नरेंद्र बिष्ठ और एस.एच.ओ.महिला थाना सन्ध्या नेगी न्यायालय में व्यग्तिगत रूप से पेश हुए।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एस.एस.पी.से पूछा कि घटना एक, थाना एक, केस एक था तो आपने एक ही पक्ष की एफ.आई.आर.दर्ज क्यों की, दूसरे पक्ष की क्यों नही की ?
आपको बता दें कि पौड़ी निवासी अधिवक्ता राकेश कुंवर ने न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि 9 जुलाई की रात उनके घर में 7 से 8 पुलिसवाले सहित मनमोहन रौतेला और कई अन्य लोग उसके घुसे और उनकी मां और बहन के साथ मारपीट की। साथ ही घर में रखे ₹10,000/= से रू12,000/= भी लूट कर ले गए।
याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि इन लोगों ने उनके घर में आग लगाने की कोशिश की और उनकी मां और बहन के कपड़े भी फाड़ दिए। आरोपी पुलिस वालों ने उनको जान से मारने की धमकी भी दी, जिसके बाद पुलिस उनको व उनके परिवार को कोतवाली उठा के ले गई। घटना का विरोध करने पर कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट ने उनकी 79 वर्षीय मां के पेट में लात घूंसे मारे जिससे वो घायल हो गया। आरोप लगाया कि पुलिस के द्वारा उनके भाई को भी बहुत बुरी तरह से मारा पीटा गया जो गंभीर अवस्था में अभी दिल्ली एम्स में भर्ती है।
न्यायालय ने आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ दो दिन में एफ.आई.आर.दर्ज करने को कहा है। न्यायालय ने दूसरे थाने से मामले की जांच कराने को भी कहा है।