सोशल मीडिया पर आकर सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने वाले समाचार प्लस के एडिटर इन चीफ़ उमेश कुमार के ख़िलाफ़ सरकार द्वारा जारी कराए गए वारंट मामले को कोर्ट ने लम्बित कर दिया। ऐसा इसलिए हुआ क्यूँकि उक्त मामले में हाईकोर्ट ने कल अरेस्ट स्टे मामले स्टे को निरस्त नहीं किया और सुनवायी के लिए अगली तिथि नियत कर दी, जिसके चलते देहरादून कोर्ट को बी.डबल्यू. को पुनः जारी करे बिना अगली तिथि नियत करनी पड़ी।
सरकार उमेश कुमार के खिलाफ बेलेबल वारंट को नान बेलेबल में कराने की पूरी तैयारी के साथ कोर्ट मे हाजिर हुई थी। लेकिन सरकार की मंशा पर पानी फिर गया।
सोशल मीडिया पर उमेश कुमार को मिल रहे समर्थन से सरकार और नज़दीकियों में है घबराहट तो ही, साथ ही किसी भी प्रकार से उमेश की घेराबंदी न होने से सीएम त्रिवेंद्र रावत मायूस हो चले हैं।
दूसरी तरफ त्रिवेंद्र सिंह रावत के करीबी संजय गुप्ता से लेकर भाई तथा भतीजे के स्टिंग के कारण सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जमकर आलोचना हो रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि यदि उमेश कुमार ने कुछ गलत किया है तो कानून उसे सजा देगा, लेकिन इन सभी करीबियों के खिलाफ मुख्यमंत्री द्वारा मौन साध जाना किस तरह का जीरो टोलरेंस है !