कमल जगाती, नैनीताल
उच्च न्यायालय में दिए अपने शपथपत्र में देहरादून जिलाधिकारी ने दून घाटी समेत डोईवाला में माना 270 एकड़ भूमि है अतिक्रमण प्रभावित। न्यायालय ने तत्काल किसी भी अतिक्रमण पर रोक लगाने को कह दिया है।
याचिकर्ता के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि दून घाटी में नदियों पर 270 एकड़ अतिक्रमण की बात जिलाधिकारी ने न्यायालय के सामने मानी है।
क्या कहते हैं याचिकाकर्ता के वकील
उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश रमेश रँगानाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने आज देहरादून के राजपुर क्षेत्र की पार्षद उर्मिला थापा द्वारा दायर जनहित याचिका को सुना। जनहित याचिका में राजपुर क्षेत्र के नालों, खालों और ढांग पर अनियंत्रित अतिक्रमण और निर्माण की बात कही गई थी। सुनवाई के दौरान देहरादून जिलाधिकारी का शपथपत्र भी सामने आया जिसमें उन्होंने दून घाटी की नदियों में 270 एकड़ अतिक्रमण की बात स्वीकारी।
इसमें देहरादून में 100 एकड़, विकासनगर में 140 एकड़, ऋषिकेश में 15 एकड़, मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र डोईवाला में 15 एकड़ नदियों की भूमी, अतिक्रमण का शिकार हुई है। याची द्वारा न्यायालय को बताया गया की इनका साइज़ लगभग 205 फुटबॉल फील्ड के बराबर है। गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने अतिक्रमण के मुद्दे को राजपुर से बढ़ाकर पूरी दून घाटी तक के लिए कर दिया था, और जिलाधिकारी देहरादून को पूरी दून घाटी में नदियों और खालों पर अतिक्रमण चिन्हित करने को कहा था। जिसके जवाब में उनकी ओर से आज यह शपथपत्र प्रस्तुत किया गया।
खण्डपीठ ने नदियों पर अतिक्रमण पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार को दो माह के भीतर सभी 270 एकड़ भूमि पर बैठे अतिक्रमणकारियों को चिन्हित करने का निर्देश दिया। याचिकाकर्ता की प्रार्थना स्वीकारते हुए न्यायालय ने जिलाधिकारी देहरादून को तत्काल प्रभाव से राजपुर क्षेत्र में किसी भी तरह के नालों, खालों और ढांग के अतिक्रमण पर रोक लगाने के सख्त निर्देश दिए हैं।