उत्तराखंड सचिवालय में समीक्षा अधिकारी संघ के पदाधिकारी धरना प्रदर्शन और हड़ताल के बजाय लगातार पैरवी और वजनदार तर्कों के साथ अपनी मांगें मनवाने के लिए संघर्षरत हैं
पर्वतजन ब्यूरो
उत्तराखंड सचिवालय के समीक्षा अधिकारी संघ ने बहुत कम समय में सचिवालय कर्मचारियों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय कराकर अपना एक अलग स्थान बनाया है।
पिछले काफी समय से सचिवालय के कर्मचारी अपने समकक्ष दूसरे संवर्गों के अधिकारियों की तुलना में विभिन्न प्रकार के वेतनमान विसंगतियों तथा भविष्य निधि आदि से मिलने वाली सहायता के अत्यधिक न्यूनतम होने सरीखी समस्याओं से जूझ रहे थे। सचिवालय समीक्षा अधिकारी संघ ने खामोशी से इनको दुरुस्त करने के लिए उच्चाधिकारियों के समक्ष पैरवी की और भविष्य निधि नियमावली में संशोधन करा लिया। इससे पहले कर्मचारियों को भविष्य निधि से अग्रिम के तौर पर मात्र ४० हजार तक ही मिल पाते थे। सचिवालय समीक्षा अधिकारी संघ ने इसको बढ़ाकर दो लाख तक करा लिया और इसका दायरा भी बढ़ा लिया। इसमें परिवार के सदस्यों अथवा उन पर आश्रित व्यक्तियों के विवाह, अंत्येष्टि, जनेऊ संस्कार तथा धार्मिक एवं घरेलू कार्य के उद्देश्य भी इसमें शामिल कराए गए। यह संशोधन भले ही सचिवालय समीक्षा अधिकारी संघ ने कराया है, लेकिन राज्य की सभी सरकारी सेवाओं के कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा।
महत्वपूर्ण उपलब्धि
इसके अलावा सचिवालय समीक्षा अधिकारी संघ ने निरंतर पैरवी और पुख्ता तथ्यों के साथ अपनी बात रखकर सचिवालय के ८७ कंप्यूटर ऑपरेटरों को सहायक समीक्षा अधिकारी के पदों पर प्रोन्नति प्रदान कराकर सचिवालय के सभी कर्मचारियों का दिल जीत लिया है। यह संभवत: पहली अपनी तरह की प्रोन्नति है, जिसमें बिना किसी हड़ताल और धरने प्रदर्शन के संघ अपनी बात मनवाने में सफल रहा। सचिवालय में कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था होने पर समीक्षा अधिकारी संघ ने इस व्यवस्था को मुख्य सचिव तक के अधिकारियों को भी अनिवार्य किए जाने के लिए संघर्ष किया और इसमें सफल भी रहे।
वर्तमान में समीक्षा अधिकारी संघ अन्य समकक्ष संवर्गों की भांति ग्रेड पे को बढ़ाए जाने के लिए प्रयासरत है। गौरतलब है कि राजभवन के प्रोटोकॉल अधिकारी संवर्ग से लेकर उच्च न्यायालय के वैयक्तिक सहायक, सहायक लाइब्रेरियन और जनसंपर्क व मैनेजमेंट अधिकारी संवर्ग के अधिकारियों का भी ग्रेड पे ४८०० है। इन संवर्गों में यह व्यवस्था है कि ४ वर्ष की सेवा के उपरांत इन्हें ५४०० ग्रेड वेतन दिया जाता है। सचिवालय में भी समीक्षा अधिकारी संघ को ४८०० ग्रेड वेतन ही दिया जाता है, लेकिन इन कर्मचारियों को ४ वर्ष की सेवा के उपरांत ५४०० ग्रेड वेतन दिए जाने की व्यवस्था नहीं है। वर्तमान समीक्षा अधिकारी संघ ने पहली बार इस प्रकार की विसंगति को सचिवालय प्रशासन के समक्ष उठाया और उनसे मांग की कि सचिवालय में भी समीक्षा अधिकारी का ग्रेड वेतन ५ वर्ष के उपरांत ५४०० रुपए किया जाना चाहिए।
जारी है संघर्ष
सचिवालय समीक्षा अधिकारी संघ के अध्यक्ष राकेश जोशी कहते हैं कि सचिवालय में कार्य की प्रकृति कुछ इस तरह की है कि यहां देर शाम तक कर्मचारी अधिकारियों को अपने कर्तव्य दायित्वों का निर्वहन करना पड़ता है। इसलिए वह उपार्जित अवकाशों की नकदीकरण की सुविधा ३०० दिवस के स्थान पर ५०० दिवस कराए जाने के लिए प्रयासरत हैं। उम्मीद है कि जल्दी ही सचिवालय प्रशासन उनकी मांग को मान लेगा। चंडीगढ़ और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा हाल ही में अवकाश नकदीकरण के आदेश दिए गए हैं।
सामाजिक सरोकार में आगे
कर्मचारी हितों के लिए संघर्षरत रहने के अलावा समीक्षा अधिकारी संघ अपने सदस्यों की ऊर्जा का सदुपयोग सामाजिक कार्यों में भी करते रहते हैं। सचिवालय संघ के महासचिव जीतमणि पैन्यूली बताते हैं कि संघ रक्तदान शिविरों से लेकर वृक्षारोपण और दिव्यांग कल्याण आदि कार्यों में भी सक्रिय भागीदारी निभाता रहता है। पैन्यूली बताते हैं कि २२ जून २०१६ को संघ के सदस्यों ने ९०० यूनिट रक्तदान किया। संघ ने वृक्षारोपण कार्यक्रम के अंतर्गत टिहरी जिले के कोडारना गांव को गोद लिया और यहां पर वृक्षारोपण का कार्य कराया। इसके अलावा सचिवालय में भी मुख्य सचिव की उपस्थिति में भी वृक्षारोपण कराया गया। सचिवालय कर्मचारियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए महंत इंद्रेश अस्पताल के सहयोग से लगभग २००० कर्मचारी अधिकारियों का नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया। संगठन सचिव बच्ची सिंह बिष्ट कहते हैं कि महिला सम्मान दिवस के रूप में करवाचौथ के अवसर पर राज्य में अवकाश घोषित कराने में भी संघ सफल रहा। इसके अलावा सचिवालय में इंदिरा कैंटीन की व्यवस्था कराने के साथ ही पहले की ही तरह पांच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू कराने में भी संघ ने अपनी अहम भूमिका निभाई।
कर्मचारियों के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से ५ लाख तक के ओवरड्राफ्ट की सुविधा अनुमन्य कराने के पीछे भी समीक्षा अधिकारी संघ की ही अहम भूमिका रही।
संघ के अध्यक्ष राकेश जोशी कहते हैं कि वह कर्मचारी हितों के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। बकौल जोशी उनका अगला लक्ष्य प्रत्येक अनुभाग में ४ समीक्षा अधिकारी तथा २ सहायक समीक्षा अधिकारियों का मानक निर्धारित कराना है।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के ७२ तथा सहायक समीक्षा अधिकारी के ९० पदों की कटौती कर दी गई थी। अब संघ इन पदों को दोबारा से पुनर्जीवित करने के लिए प्रयासरत है।
जोशी कहते हैं कि या तो इन्हें पुनर्जीवित किया जाएगा या फिर इनके स्थान पर इतने ही संदर्भदाता के पद सृजित किए जाने चाहिए। समीक्षा अधिकारी संघ ने आक्रामक शैली के स्थान पर सौम्य ढंग से निरंतर प्रयास करके अपनी मांगें मनवाकर कर्मचारियों अधिकारियों के बीच अपनी एक अलग छवि स्थापित की है।