सीएम की विधानसभा में फिर भाजपा पर भारी पड़ी कांग्रेस। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा सीट में यह लगातार दूसरा खराब प्रदर्शन रहा। डोईवाला के नगर पालिका चुनाव में बुरी तरह हारी भाजपा अब जिला पंचायत के चुनाव में भी कांग्रेस के हाथों पिट गई है।
इससे इस बात की प्रबल संभावना है कि यदि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आगामी विधानसभा चुनाव डोईवाला से चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें हार का सामना करना पड़ सकता है।
अपने सभी ओएसडी को लगातार डोईवाला में उतारने के बावजूद भाजपा की करारी हार से त्रिवेंद्र सिंह रावत के माथे पर शिकन है।
डोईवाला में जिला पंचायत सदस्य की 3 सीटों में से 2 पर कांग्रेस ने भाजपा को शिकस्त दी है। मात्र एक प्रत्याशी अनीता सेमवाल ही भाजपा की लाज बचाने में कामयाब रही। पालिका चुनाव के बाद अब जिला पंचायत के चुनाव में भी हार का सामना करने के बाद चुनावी विश्लेषक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोईवाला सीट छोड़कर रायपुर सीट से विधानसभा चुनाव की तैयारी करने के संभावना जताई जाने लगी हैं।
यहां पर भाजपा के प्रत्याशी अनिल तीर्थवाल कांग्रेस के अश्विन बहुगुणा से 51 वोटों से हार गए तथा माजरी ग्रांट में कांग्रेस की टीना सिंह ने रीता पाल को 1859 वोटों से हरा दिया। केवल बड़कोट माफी में भाजपा की अनिता सेमवाल ने रश्मि को 328 वोटों से हराया। यह हालत तब है जबकि भाजपा ने यहां पर पूरी ताक़त झोंक रखी थी और त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने विशेष कार्य अधिकारियों का पूरा अमला व्यक्तिगत तौर पर झोंका हुआ था।
पिछले नगर पालिका चुनाव में तथा इस बार के पंचायत चुनाव में रायपुर सीट से वर्तमान विधायक तथा कांग्रेस से बागी होकर भाजपा में आए उमेश शर्मा काऊ के समर्थकों को भाजपा द्वारा टिकट न दिया जाना भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है ताकि उमेश शर्मा को रायपुर सीट पर कमजोर किया जा सके।
हाल ही में उमेश शर्मा काऊ के समर्थक का टिकट कटने पर उमेश शर्मा द्वारा उनके समर्थन में प्रचार के वायरल ऑडियो के बाद उमेश शर्मा के खिलाफ पार्टी का सख्त रुख भी यही संभावना तैयार करता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उमेश शर्मा का टिकट काटकर त्रिवेंद्र सिंह रावत को थमाया जा सकता है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत यहां से पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं।
बहरहाल विधानसभा चुनाव अभी इतनी नजदीक नहीं है और जिस तरह से भाजपा ने डोईवाला में लच्छीवाला पिकनिक स्पॉट के पास मुख्यमंत्री का कैंप कार्यालय खुला है, उससे तो यही प्रतीत होता है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत डोईवाला को इतने सस्ते में जल्दी से नहीं छोड़ने वाले।
गौरतलब है कि डोईवाला कैंप कार्यालय की कमान मुख्यमंत्री के भाई बिल्लू संभाल रहे हैं और डोईवाला में मुख्यमंत्री ने अपने विश्वासपात्र विशेष कार्य अधिकारियों की स्पेशल ड्यूटी लगाई हुई है।
यहां पर कभी धीरेंद्र पवार बैठकर जनता से रूबरू होते हैं तो कभी श्री खुल्बे जनता की समस्याएं सुनते हैं तथा मुख्यमंत्री के भाई बिल्लू लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं।
इसके बावजूद जनता का त्रिवेंद्र सिंह रावत से मोहभंग होता जा रहा है और आने वाली राहें दिन प्रतिदिन कठिन होती जा रही हैं।