कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में प्लाईवुड फैक्ट्रियों को नियमविरुद्ध तरीके से पुनर्स्थापित करने और उनकी क्षमता बढ़ाने के मामले में सात प्लाईवुड फैक्ट्रियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जबाव दाखिल करने को कहा है।
बाईट : जितेंद्र चौधरी, अधिवक्ता याचिकाकर्ता
अधिवक्ता जितेंद्र चौधरी ने बताया कि रामनगर निवासी रजनी शर्मा ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने 27 दिसम्बर 2017 को एक आदेश जारी कर कुछ प्लाईवुड फैक्ट्रियों को पुनर्स्थापित करने व उनकी क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया।
आर.के.प्लाईवुड को देहरादून से काशीपुर स्थान्तरित करने की मंजूरी दी गई थी। याचिकाकर्ता के अनुसार सरकार का फैसला सुप्रीम कोर्ट बनाम टी.एन.गोंडा के वर्मन मामले में दिए गए निर्णय के खिलाफ है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने प्लाईवुड फैक्ट्री को नगर पालिका क्षेत्र में वन भूमि से 10 किमी दूर स्थापित करने का आदेश दिया है। इसके अलावा प्रदेश में पहले से ही औद्योगिक क्षेत्र में बने हैं। उससे बाहर ये फैक्ट्रियां पुनर्स्थापित नहीं की जा सकती।
याचिका की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने आर.के.प्लाईवुड, नॉर्दन प्लाईवुड सहित कुल छः अन्य को नोटिस जारी कर जबाव दाखिल करने को कहा है।