कमल जगाती/नैनीताल
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास भत्ता और अन्य सुखद सुविधाओं में हुए खर्चे को वसूल करने के मामले में अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है।
मामले के अनुसार देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने राज्य सरकार के 5 सितंबर 2019 के ऑर्डिनेंस को जनहित याचिका के रूप में चुनौती दी थी।
राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के किराए और अन्य भुतानों को एक ऑर्डिनेंस लाकर माफ कर दिया था। याचिका में कहा गया था कि सरकार ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करके पूर्व मुख्यमंत्रियों का भारी भरकम किराया माफ कर दिया, जिससे प्रदेश को बड़ी आर्थिक हानि हुई। न्यायालय ने अपने पूर्व के आदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों से राजस्व वसूलने को कहा था। जिसके बाद राज्य सरकार ऑर्डिनेंस ले आई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री में बी.सी.खंडूरी, रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, भगत सिंह कोश्यारी और विजय बहुगुणा शामिल थे, जिन्हें नोटिस जारी किये गए थे।
आज खण्डपीठ में अन्तिम सुनवाई पूरी होने के बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने आगामी सोमवार तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।