कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने अल्मोड़ा जिले के नैनीसार जमीन आवंटन मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को एक सप्ताह में सपथ पत्र दाखिल करने के लिए कहा है। न्यायालय ने कहा अगर सरकार जबाब दाखिल नही करती है तो सचिव राजस्व को समस्त दस्तावेजो के साथ 9 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होना होगा।
मामले के अनुसार अल्मोड़ा निवासी बिशन सिंह और पी.सी.तिवाड़ी ने नवंबर 2015 में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि रानीखेत तहसील के अंतर्गत ग्राम नैनीसार में राज्य सरकार ने हिमांशु एडुकेशन सोसाइटी को 22 सितंबर 2015 के आदेश से 353 नाली भूमि आवंटित की थी। याची ने राज्य सरकार के इस आदेश को चुनौती दी जिसपर न्यायालय ने सरकार से सवाल किया तो सरकार ने आज तक कोई जवाब ही दाखिल नहीं किया। इस पर मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्य सरकार को एक हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है।
न्यायालय ने तय समय सीमा में जबाब दाखिल नहीं करने पर 9 जनवरी 2020 को सचिव राजस्व को खंडपीठ के समक्ष समस्त दस्तावेजों सहित पेश होने को भी कहा है।
याचिकाकर्ताओ की तरफ से ग्राम नैनीसर की भूमि के आवंटन को इस आधार पर चुनौती दी गयी है कि सरकार ने मनमाने तरीके से प्राइवेट संस्था को बिना विधि प्रावधानों का पालन किये अपने चहेतों को करोड़ो की भूमि कौड़ी के भाव आवंटित की है जो गैरकानूनी है और इसे रद्द किया जाना चाहिए। मामले में अगली सुनवाई 9 जनवरी को नियत रखी गयी है।