अनुज नेगी
नैनीताल हाईकोर्ट ने वन दरोगा के 316 पदों की भर्ती पर रोक लगाते हुए सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड में वन दरोगा के 316 पदों की भर्ती के लिए 18 दिसंबर 2019 को विज्ञप्ति जारी की गई थी,जिसमे नैनीताल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार वन आरक्षी संघ/वन बीट अधिकारी संघ के अध्यक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर वन दरोगा पदों पर सीधी भर्ती के लिए 18 दिसंबर 2018 को जारी विज्ञप्ति को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि वन विभाग की भर्ती नियमावली 2016 के अनुसार वन दरोगा के 66 फीसदी पद फॉरेस्ट गार्ड से पदोन्नति से भरे जाएंगे, जबकि शेष पद सीधी भर्ती से भरे जाएंगे।
याचिकाकर्ता का कहना था कि शासन ने इस नियमावली में 2018 में संशोधन कर दिया है, जिसमें फॉरेस्ट गार्ड को वन दरोगा के पद पर पदोन्नति के लिए कम से कम 10 वर्ष की सेवा फॉरेस्ट गार्ड के पद पर करनी अनिवार्य होगी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस विज्ञप्ति के अनुसार वन दरोगा के सभी पदों को सीधी भर्ती से भरा जा रहा है, जो नियमावली के विपरीत है।
याचिका में वन दरोगा के पद पर पदोन्नति के लिए फॉरेस्ट गार्ड के रूप में 10 वर्ष की न्यूनतम सेवा की बाध्यता को भी समाप्त करने की मांग की गई थी। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 18 दिसंबर 2019 को जारी विज्ञप्ति पर रोक लगाते हुए सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।