उपनल प्रशासन ने राज्य के सभी विभागों को जारी किए नोटिस
अनुज नेगी
देहरादून। उत्तराखंड के उपनल कर्मचारियों को देरी से वेतन देना विभागों को भारी पड़ सकता है। देरी से वेतन देने पर पांच से पच्चीस प्रतिशत तक लगेगा जुर्माना।
उत्तराखंड में सरकारी विभाग व अर्धसरकारी में लगभग 21 हज़ार कर्मचारी कार्यरत है। इन कर्मचारियों को विभाग समय से वेतन भुगतान नही करता, जिससे कारण उपनल को लगभग 80 से 90 लाख रुपये ईपीएफ जुर्माने के रूप में अदा करने पड़े।
मगर अब विभागों ने उपनल कर्मचारियों का समय से वेतन नही दिया तो विभाग को 5 से 25 प्रतिशत तक जुर्माना चुकाना पड़ेगा। और इसी जुर्माने की राशि पर 12 फीसदी की दर से विभाग को ब्याज अदा करना होगा।
वही उपनल ने सभी सरकारी व अर्धसरकारी विभागों को सख्त निर्देश जारी कर दिए है। उपनल ने ईपीएफ ऐक्ट के तहत यह स्कीम लागू की है। वही उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर (सेनि) पीपीएस पाहवा ने सभी विभागों सूचना भेज दी है और सरकार से अनुरोध किया है। सभी विभागों को दिशानिर्देश जारी कर दिया जाएं।
जानते है ईपीएफ एक्ट क्या है।
ईपीएफ ऐक्ट
ईपीएफ ऐक्ट-1952 के तहत कर्मचारी का अंशदान वेतन अवधि के 15 दिन से पहले जमा करना अनिवार्य है। यदि इस अवधि के भीतर ईपीएफ का अंशदान जमा नहीं होता तो संबंधित विभाग को जुर्माना देना होता है।