भारत सरकार के राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने विश्वविद्यालय के एक विभाग में ओबीसी आरक्षण के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुई भर्ती की जांच किए जाने के आदेश विश्वविद्यालय प्रशासन को दिए हैं। इस संबंध में विश्वविद्यालय के ही कर्मचारी संतोष मंगाई ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।
बताया जा रहा है कि विश्वविद्यालय के एक विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए भर्ती हेतु एक अभ्यर्थी ने मध्य प्रदेश सरकार की ओर से निर्गत ओबीसी का प्रमाण पत्र लगाया था। जिस आधार पर उक्त अभ्यर्थी को असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर भर्ती किया गया जबकि केंद्र सरकार में मध्य प्रदेश की इस जाति को ओबीसी के तहत आरक्षण प्रदान नहीं है विश्वविद्यालय के कर्मचारी संतोष मंगाई का कहना है कि यह सब विश्वविद्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ है।
अब भारत सरकार के पिछड़ा वर्ग आयोग ने विश्वविद्यालय को इस संबंध में जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं साथ ही आयोग ने यह भी निर्देशित किया है की कार्यवाही के बाद आयोग को सूचित किया जाए। आयोग के उपसचिव के रविशंकर ने विश्वविद्यालय के कुलपति व कुलसचिव को इस संबंध में पत्र भेजा है।