देहरादून। मुख्यमंत्री उत्तराखंड से सरकार की ओर से जितने भी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है, वर्तमान संकट को देखते हुए उनका वेतन निर्गत करवाने का आग्रह किया गया है।
ऐसे कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मांग करते हुए कहा है कि चाहे वह लोग किसी भी कारणवश या फ़िर कानूनी या गैर कानूनी ढंग से बर्खास्त किए गए हों, फिलवक्त ऐसे लोगों के सम्मुख रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में उनका वेतन रोका जाना न्यायोचित नहीं है।
कर्मचारियों ने मांग की है कि ऐसे लोग चाहे जिस भी विभाग से हों, वर्तमान में यह देखने का समय नहीं है। फिलहाल उनको परिवार सहित जीविकोपार्जन के लिए एक आदेश निकालकर उनका वेतन निर्गत कराने का आदेश जारी किया जाए तो इन लोगों की समस्या हल हो सकती है।
इस संबंध में यह बताना समायोचित होगा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार इस विषम परिस्थिति में सात साल तक की जेल की सजा पा रहे लोगों को भी पैरोल पर छोड़ने का आदेश दिया गया है। जिससे कि अपनी स्वास्थ्य संबंधी जिम्मेदारी वह स्वयं निभा सकें।
विशेष रूप से इस परिस्थिति में जिन लोगों को गैर कानूनी ढंग से निकला गया है और जिनका आवेदन सरकार के पास है, उन्हें शीघ्र परिवार व बच्चों की जिम्मेदारी निभाने के लिए वेतन निर्गत करने का आदेश जारी किया जाना प्रभावित परिवारों के हित में है, ताकि वह लोग भी ऐसी कठिन परिस्थिति में सरकार के सहयोग से स्वयं को संभाल सके।
बहरहाल, वर्तमान हालातों को देखते हुए और विभिन्न संवेदनशील मुद्दों पर एक्शन लेने वाली उत्तराखंड सरकार ऐसे परिस्थितियों से जूझ रहे परिवारों के लिए उन्हें वेतन देने का आदेश जारी करने का साहस दिखाती है या फिर सरकार ऐसे कर्मचारियों और उनके परिजनों को उनके हाल पर ही छोड़ देती है, यह देखने वाली बात होगी।