सतपाल धानिया/विकासनगर
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लडऩे के लिए और जरूरतमंदों को जो सरकारी मदद या स्थानीय विधायक सांसद स्तर पर की जाने वाली मदद ऊंट के मुंह में जीरे समान है। आज सहसपुर विधानसभा की पड़ताल के दौरान आंकड़े बड़े ही चौंकाने वाले सामने आये हैं। इस वैश्विक महामारी को खत्म करने की कमान खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभाले हुए हैं। उन्होंने सख्त हिदायत दी है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की जंग में कोई भी कोताही न बरती जाए। सांसद विधायक जनता के बीच जाकर उनकी पीड़ा को सुने और किसी को भी कोई असुविधा न हो, लेकिन सांसद हो या विधायक द्बारा किया जा रहा सहयोग ऊंट के मुंह में जीरे के समान है या यूं कह सकते हैं मीडिया के कैमरे पर आकर फोटो खिंचवाने के लिए नाममात्र सहयोग कर फोटो खिंचवा कर वाहवाही लूटने का काम किया जा रहा है।
सहसपुर विधानसभा में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद भी सेलाकुई को सरकार को अपने स्तर पर सेनेटाइज करना चाहिए था, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है। एक टैंकर नाममात्र को सेलाकुई में भेजा गया, जो महज खानापूर्ति कर चलता बना। लाखों की आबादी वाले सेलाकुई में सरकार और उनके विधायक के बेरुखी से स्थानीय जनता में खासा आक्रोश है। हालांकि स्थानीय भाजपा नेता विधायक और सरकार से गुहार लगाकर थक चुके हंै, लेकिन जिस सहयोग और मदद की दरकार सेलाकुई क्षेत्र को है, सरकार मुहैया नहीं करा पा रही है। जिससे सरकार की क्षेत्र में बहुत दिक्कतें हो रही हैं, लेकिन सत्ताधारी दल के विधायक को क्षेत्र की जनता से कोई सरोकार दिखाई नहीं दे रहा है।
क्षेत्र के कुछ जिम्मेदार लोगों ने वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से होने वाली आपदा को गंभीरता से लिया और खुद अपने खर्च पर पूरे सेलाकुई शहर को सेनेटाइज किया, तब जाकर शहरवासियों ने राहत की सांस ली।
सहसपुर विधायक का सेलाकुई के लोगों के साथ एक मजाक जरूर सामने आया है उनके द्बारा शहर में स्प्रे के लिए हाथ से सेनेटाइज करने के लिए तीन मशीनें जरूर उपलब्ध कराई। अब लाखों की आबादी वाले सेलाकुई में हाथ से चलानी वाली स्प्रे मशीनों से सेनेटाइज करना समुद्र से सुई ढूंढने के समान है। आखिर हाथ की मशीनों से कितने दिनों में सेलाकुई शहर को सेनेटाइज किया जा सकता है। क्षेत्रवासी इस मदद को अपने लिए एक भद्दा मजाक बता रहे हैं।
सेलाकुई और आसपास के क्षेत्रो में भारी संख्या में मजदूर तबका रहता है, जो सेलाकुई, रामपुर, लान्घा रोड स्थित फैक्ट्रियों में मजदूरी करते हैं। लॉकडाउन होने के चलते सभी मजदूर अपने अपने घरों में कैद हैं और लगभग इन मजदूरों और इनके परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा होना लाजिमी है, लेकिन यहां भी सरकार और सहसपुर विधायक कोई गंभीरता दिखाते नजर नहीं आ रहे हैं।
स्थानीय लोग बताते हैं कि सरकारी मदद और विधायक स्तर पर किया जाना वाला सहयोग नाममात्र ही देखने को मिल रहा है। इस वैश्विक महामारी से सरकार और विधायक से जो अपेक्षा की थी, वो उस पर खरे नहीं उतर रहे हैं, जिससे क्षेत्रवासियों में नाराजगी है।
हमारी पड़ताल में वैश्विक महामारी में देवदूत की तरह काम कर रहे कुछ ऐसे चेहरे भी मिले, जो रात दिन घर परिवार त्यागकर समाजसेवा और राष्ट्र सेवा कर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को खत्म करने और कोई भूखा न रहे, इसके लिए जी-जान से जुटे हैं।
समाजसेविका लक्ष्मी अग्रवाल भी ऐसा ही नाम है। इनके द्वारा क्षेत्र में लगभग छ: सौ परिवारों को राशन मुहैया करवाया गया है और जरूरतमंद लोगों की पहचान कर घर घर राशन पहुंचा रही हैं। इनके द्बारा दो वाहनों में पका हुआ खाना भेजा जाता है। यह पका हुआ खाना उन लोगों के लिए होता है जो भूखे प्यासे पैदल ही अपने घरों की तरफ पैदल ही कूच किये हुए हैं। वह कोरोना वायरस के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए सेनेटाइजर, मास्क और जरूरी दवाईंया भी उपलब्ध करवा रही हैं। उनके इस सहयोग को कभी नहीं भुलाया जा सकता। महिला होने के बावजूद लक्ष्मी अग्रवाल सुबह ही अपने घर परिवार और बच्चों को छोड़कर समाजसेवा में लग जाती हैं और देर रात तक झुग्गी झोपडिय़ों में रह रहे मजदूरो की सेवा में लगी रहती हैं।
उन्होने बताया कि जब तक क्षेत्र के हर जरूरतमंद राशन न पहुंच जाये, उनका यह अभियान जारी रहेगा। इसके लिए उन्होंने बाकायदा एक टीम क़ा गठन भी किया है, जो गांव गांव जाकर जरूरतमंदों को चिह्नित कर मदद पहुंचाने क़ा काम कर रही है।
तो वहीं समाजसेवी विनोद चौहान ने भी सहसपुर विधानसभा क्षेत्र के सौ परिवारों को अपने स्तर पर राशन मुहैया करवाया है। उनके द्वारा सेलाकुई सहसपुर रामपुर खुशहालपुर ढाकी आदि गांवों में जाकर घर घर पहुंचकर आटा दाल चावल और अन्य जरूरी सामान पहुंचाया गया, जिससे कई परिवारों को काफी राहत मिली है।