अमर उजाला ने आज 6अप्रैल को देहरादून में एक खबर छापी, जिसमें लिखा था कि “आज से मिलेंगी हेयर कटिंग सलून की सेवाएं।” अखबार पढ़ने के बाद सभी हेयर कटिंग सलून वालों ने दुकानें खोल दी और तमाम लोग भी बाल कटवाने के लिए नई की दुकानों पर उमड़ पड़े।
अमर उजाला की खबर
किंतु यह देखकर पुलिस प्रशासन हरकत में आया और तत्काल यह दुकाने बंद करवाई गई।
यही नहीं देहरादून के डीएम डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव को आदेश जारी करवाना पड़ा कि सैलून तथा नाई की दुकानें नहीं नहीं खुलेगी।
आज डीएम के आदेश
डीएम देहरादून ने अपने आदेश में कहा है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार की एडवाइजरी तथा उत्तराखंड शासन की लॉक डाउन संबंधी अधिसूचना के क्रम में केवल आवश्यक सेवाओं से संबंधित दुकानों और प्रतिष्ठानों को सशर्त शिथिलता प्रदान की गई है, इसलिए लॉक डाउन की अवधि में देहरादून के अंतर्गत सभी प्रकार की सैलून व नाई की दुकानें पूर्णत: बंद रहेंगी।
गौरतलब है कि पिछले दिनों अखबारों ने सोशल मीडिया को फेक न्यूज़ के लिए जिम्मेदार बताते हुए अखबार पढ़ने संबंधी विज्ञापन जारी किया था तथा आजकल अमर उजाला सहित तमाम अखबार बाकायदा नेताओं और अभिनेताओं को दबाव डालकर उनसे कहलवा रहे हैं कि अखबारों से कोरोनावायरस नहीं फैलता।
लालच और मूर्खता के कारण यह अभिनेता भी ऐसे बयान देकर फोटो छपवा रहे हैं, जबकि हकीकत यह है कि आरबीआई ने भी नोटों के लेनदेन को सीमित करते हुए ऑनलाइन लेनदेन के लिए एडवाइजरी जारी की हुई है।
इसके साथ ही तमाम फल सब्जियां आदि खरीद में भी यह सलाह दी जाती है कि उन्हें या तो थोड़ी देर के लिए धूप में रख दिया जाए या फिर आप गर्म पानी अथवा नमक मिले पानी से धो लिया जाए।
ऐसे में भला अखबार जब कई हाथों से गुजरता है तो उनमें कोरोनावायरस क्यों नहीं हो सकता इस बात पर सभी चुप हैं।