टोडाकल्याणपुर ग्रामीणों का रुड़की आर्मी गेट पर जोरदार हंगामा
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रिपोर्टरः राजेश आर्य
रुड़की। (उत्तराखंड) टोडाकल्याणपुर गांव के लोग बेहद परेशान होकर आज सुबह आर्मी गेट तक पहुंच गए। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीणों द्वारा अपने रास्ते को खुलवाने को लेकर जमकर हंगामा बखेड़ा कर दिया।
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आनन-फानन में सेना के जवान ग्रामीणों को रोकने के लिए गेट पर पहुंचे। दोनों ओर से पथराव भी हुआ। हंगामा इतना बढ़ा कि कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलते ही भारी पुलिस फोर्स के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया। पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद ही ग्रामीण आर्मी के गेट से हटने को तैयार हुए।
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गौरतलब है कि 2012 से सेना और ग्रामीणों के बीच रास्ते के विवाद को लेकर अक्सर टकराव रहता है जिसके चलते आज तक भी कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि रास्ते के विवाद को नहीं सुलझा पाया है।
इस संबंध में विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का कहना है कि उन्होंने परसों जिलाधिकारी हरिद्वार से आग्रह कर , ब्रिगेडियर – इन्फेंट्री , रुड़की आर्मी से रास्ते को खुलवाए जाने का आग्रह किया गया। तदोपरांत ज़िला प्रशासन द्वारा , मिलिट्री अधिकारियों से कहा। एक दूसरा रास्ता , जो रेलवे लाइन के बगल में , कच्चा है , को आर्मी द्वारा नागरिकों हेतु दिए जाने को कहा। लेकिन फिर रेलवे विभाग ने उसको रुकवा दिया।
चैंपियन ने ने पूर्व में भी , इस सम्बंध में ब्रिगेडियर , इन्फेंट्री रुड़की से भेंट कर , उक्त रास्ते को खुलवाया था, जिसको अब लॉक डाउन के चलते , 22 मार्च 2020 को मिलिट्री द्वारा रास्ते को फिर बन्द कर दिया गया।
अब देश में लॉक डाउन के चलते सुरक्षा की दृष्टि से सेना ने एक बार फिर ग्रामीणों का रास्ता बंद कर दिया है। जिससे ग्रामीण उत्तेजित हो गए और ग्रामीणो और आर्मी मे पथराव शुरू कर दिया। सेना के जवानों ने ग्रामीणों को पानी की बौछारों से भी रोकने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण नहीं माने। जिस पर सेना के जवानों ने ग्रामीणों को खूब दौड़ाया।
इस मामले में पुलिस प्रशासनिक अधिकारी जांच में जुटे हुए हैं। एक तरफ जहां हरिद्वार ज़िले में धारा 144 लागू है, लेकिन वही ग्रामीणों ने सोशल डिस्टेंस का कोई ख्याल नहीं रखा अब पुलिस भीड़ जुटाने वाले और भीड़ को भड़काने वाले लोगों को पता करने में जुटी है सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं।
इस संबंध में 29 जनवरी को गांव के लोग दिल्ली में जाकर स्थानीय सांसद और कैबिनेट मिनिस्टर डॉ रमेश पोखरियाल निशंक से भी गुहार लगा चुके हैं इस पर डॉ निशंक ने उन्हें कहा था कि वह आर्मी हाईकमान में बात कर समस्या का पूर्ण रूप से समाधान करेंगे।
पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने आर्मी के ब्रिगेडियर के साथ भी बैठक करने का भी निर्णय लिया है। अब देखना यह है कि ग्रामीणों को कितनी राहत मिलती है ।